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कोरोना जांच करता स्वास्थ्यकर्मी (फाइल फोटो)

कोविड-19: अब एक से दूसरे राज्य जाने के लिए आरटी पीसीआर जांच की जरूरत नहीं

by Sneha Shukla

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।

द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
अपडेटेड मैट, 12 मई 2021 02:35 AM IST

कोरोना जांच करती है स्वास्थ्यकर्मी (फाइल फोटो)
– फोटो: पीटीआई

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अब एक से दूसरे राज्य जाने के लिए आरटी पीसीआर जांच की आवश्यकता नहीं होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को दिए निर्देश में कहा है कि देश की प्रयोगशालाओं पर बढ़ते अत्यधिक भार को कम करने और सही दिशा में जांच करने के लिए अंतर राज्यीय यात्रा के लिए आरटी पीसीआर जांच की निष्पक्षता को खत्म कर दिया जाना चाहिए।

हालांकि मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह छूट केवल उन्हीं लोगों को मिलनी चाहिए जोकि पूरी तरह से स्वाधीन हों। मंगलवार को प्रेस कान्फ्रेंस में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ। बलराम भार्गव ने यहां तक ​​अपील की है कि अगर किसी को सर्दी, जुकाम या लिन मामूली रूप से भी है तो भी उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसे में यात्रा करना काफी नुकसानदेह हो सकता है।

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित कुछ राज्यों में हाल ही में 72 घंटे के अंदर किए गए आरटी पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर ही दूसरे राज्य से आने वाले को प्रवेश देने का नियम लागू किया गया था।

पिछले साल भी ऐसे ही नियम कई राज्यों ने अपने क्षेत्र में लागू किए थे लेकिन इस बार दूसरी लहर में मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद जांच की वेटिंग भी कई शहरों में सात से आठ दिन तक पहुंच गई है। कई मामले तो ऐसे भी सामने आए हैं कि अस्पताल में भर्ती या मौत होने के बाद उसके स्वभाव होने का परिवार को पता चला। अब आरटी पीसीआर से जुड़े नियमों में नए बदलाव किए जा रहे हैं।

दरअसल सप्ताह भर पहले आईसीएमआर ने राज्यों को सलाह दी थी कि एक से दूसरे राज्य जाने वालों के लिए आरटी पीसीआर की निष्पक्षता को खत्म कर दिया जाए।

साथ ही जो लोग एंटीजन जांच में संभावित मिले हैं उनकी पुनः जांच नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा अस्पताल से डिस्चार्ज मरीज के लिए भी दूसरी बार को विभाजित जांच की जरूरत नहीं है। इन तीन परिवर्तनों के पीछे मुख्य कारण यह है कि आईसीएमआर कम समय में सही रोगी तक पहुंचना चाहता है ताकि संक्रमण को तत्काल आइसोलेट किया जा सके।

अभी आरटी पीसीआर की मांग अधिक होने की वजह से जरूरतमंद मरीजों को भी वेटिंग का इंतजार करना पड़ रहा है। इसलिए राज्यों को तत्काल संज्ञान लेते हुए नियमों में बदलाव करने के लिए कहा है। साथ ही एंटीजन जांच और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे की जांच केंद्र स्थापित करने पर अधिक ध्यान देने के लिए कहा गया है।

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अब एक से दूसरे राज्य जाने के लिए आरटी पीसीआर जांच की आवश्यकता नहीं होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को दिए निर्देश में कहा है कि देश की प्रयोगशालाओं पर बढ़ते अत्यधिक भार को कम करने और सही दिशा में जांच करने के लिए अंतर राज्यीय यात्रा के लिए आरटी पीसीआर जांच की निष्पक्षता को खत्म कर दिया जाना चाहिए।

हालांकि मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह छूट केवल उन्हीं लोगों को मिलनी चाहिए जोकि पूरी तरह से स्वाधीन हों। मंगलवार को प्रेस कान्फ्रेंस में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ। बलराम भार्गव ने यहां तक ​​अपील की है कि अगर किसी को सर्दी, जुकाम या लिन मामूली रूप से भी है तो भी उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसे में यात्रा करना काफी नुकसानदेह हो सकता है।

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित कुछ राज्यों में हाल ही में 72 घंटे के अंदर किए गए आरटी पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर ही दूसरे राज्य से आने वाले को प्रवेश देने का नियम लागू किया गया था।

पिछले वर्ष भी ऐसे ही नियम कई राज्यों ने अपने क्षेत्र में लागू किए थे लेकिन इस बार दूसरी लहर में मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद जांच की वेटिंग भी कई शहरों में सात से आठ दिन तक पहुंच गई है। कई मामले तो ऐसे भी सामने आए हैं कि अस्पताल में भर्ती या मौत होने के बाद उसके स्वभाव होने का परिवार को पता चला। अब आरटी पीसीआर से जुड़े नियमों में नए बदलाव किए जा रहे हैं।

दरअसल सप्ताह भर पहले आईसीएमआर ने राज्यों को सलाह दी थी कि एक से दूसरे राज्य जाने वालों के लिए आरटी पीसीआर की योग्यता की समाप्ति कर दी जाए।

साथ ही जो लोग एंटीजन जांच में संभावित मिले हैं उनकी पुनः जांच नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा अस्पताल से डिस्चार्ज मरीज के लिए भी दूसरी बार को विभाजित जांच की जरूरत नहीं है। इन तीन परिवर्तनों के पीछे मुख्य कारण यह है कि आईसीएमआर कम समय में सही रोगी तक पहुंचना चाहता है ताकि संक्रमण को तत्काल आइसोलेट किया जा सके।

अभी आरटी पीसीआर की मांग अधिक होने की वजह से जरूरतमंद मरीजों को भी वेटिंग का इंतजार करना पड़ रहा है। इसलिए राज्यों को तत्काल संज्ञान लेते हुए नियमों में बदलाव करने के लिए कहा है। साथ ही एंटीजन जांच और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे की जांच केंद्र स्थापित करने पर अधिक ध्यान देने के लिए कहा गया है।

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