देश में कोरोना की एक और लहर बेहद खतरनाक साबित हो रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड -19 के कारण 1 हजार से ज्यादा की जान चली गई। जबकि, कोरोना संक्रमण के मामले में 1 लाख 84 हजार के पार कर गए। कोरोना के इस बेकाबू हालात पर खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कोटव ठाकरे ने मंगलवार को रात को यह बताया कि स्थिति नियंत्रण के बाहर ने रोक लगा दी है। कोरोना से निटपिंग के लिए जहां महाराष्ट्र में 15 दिनों का कर्फ्यू लगाया गया था, वहीं देश के दिल्ली-हरियाणा सहित ज्यादातर राज्यों में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया गया।
इस बीच जोर-शोर से चल रही वैक्सीनेशन को उस वक्त धक्का लगा जब यह खबर आई की वैक्सन की कमी के चलते राज्य के वैक्सीनेशन सेंटर्स खाली पड़े हैं। अवैध कांग्रेस शासित राज्यों की तरफ से केंद्र पर वैक्सीनेशन को कम देने का आरोप लगाया गया। ये राज्य हैं- राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और केरल।
‘देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं’
ऐसी खबर आई कि वैक्सीन की कमी के कारण महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में वैक्सीन की कमी के कारण कई वैक्सीनेशन सेंटर्स को बंद करना पड़ा। हालांकि, केंद्र की ओर से लगातार यह निकासी दी जाती रही के देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।
अब इन आरोपों पर खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है और भारत सरकार ने हर राज्य को वैक्सीन दी है। यह राज्य का काम है कि वे सावधानीपूर्वक तरीके से निश्चित समय-सीमा के भीतर वैक्सीनेशन सेंटर्स पर वैक्सीन की डोज मुहैया कराए।
टीकों की कोई कमी नहीं है और भारत सरकार हर राज्य को टीके देती है। यह राज्यों का काम है कि वे टीकाकरण केंद्रों पर समयबद्ध तरीके से टीकाकरण की खुराक प्रदान करें: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन pic.twitter.com/WqHg7kZtvI
– एएनआई (@ANI) 14 अप्रैल, 2021
रेमदेसीवीर की कमी पर बोले हर्षवर्धन
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा- टरेमडेसिविर की दवा की कमी इसलिए हुई क्योंकि कोविड -19 के मामलों में कमी के कारण दवा का तेजस कम कर दिया गया था। हमारे ड्रग कंट्रोलर और मंत्रालय की बैठक के साथ बैठक हुई और इसके उत्पादकों से कहा गया कि वे इसका उत्पादन बढ़ा रहे हैं
हर्षवर्धन ने कहा- ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) रेमडेसिविल के ब्लैक मार्केटिंग की शिकायत पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जो लोगों का शोषण कर रहे हैं, ड्रग्स की जान बूझकर कमी पैदा कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
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