<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: कोरोनावायरस ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले रखा है। हर रोज कोरोनावायरस के कारण हजारों लोगों की मौत हो रही है तो वहीं लाखों लोग इससे परेशान हो रहे हैं। इस बीच नदियों में कई शव मिलने की घटना के बाद ये सवाल भी उठने लगा है कि क्या कोरोना वायरस पानी से भी फैल सकता है?
उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक और मध्य प्रदेश में भी नदियों में कोरोना काल में मृतकों के बहते हुए लावारिस शव देखने को मिले हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है कि ये कई मृतकों की मौत कोरोनावायरस के कारण भी हो सकती हैं। इस बीच आरएमएल अस्पताल के डॉ। एके सिंह राणा का कहना है कि पानी में वायरस अनंत काल तक के लिए भी जिंदा रह सकता है।
डॉ। एके सिंह राणा ने बताया कि अगर को विभाजित से मृत रोगियों के शव नदी में प्रवाहित किए जा रहे हैं तो हो सकता है कि ऐसे में हम उसरस को भी नदी में पानी के प्रवाह के साथ प्रवाहित कर रहे हैं। ऐसे में शवों को नदी में फेंकने से वायरस के फैलने की आशंका बनी रहती है। जिसके कारण कई लोगों की जान को खतरा हो सकता है।
हालांकि पानी में मिले शवों की ये पहचान कर पाना मुश्किल है कि वो कोरोना से चेष्टा कर रहे हैं या नहीं। दरअसल, कोरोना काल में एक तरफ जहां शमशान में शव जलाने की जगह नहीं है तो वहीं गरीब तबके के लोग अंतिम संस्कार के लिए संसाधन जुटा पाने में असमर्थ हैं। ऐसे में ये सिर्फ अंजाजा है कि नदी में प्रवाहित शव कोरोना से मारे गए लोगों के हो सकते हैं।
स्वागत का संकेत
वहीं बेवालु के पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ। बीडी त्रिपाठी का कहना है कि अगर कोरोना से हानिकारक शवों को नदियों में प्रवाहित किया जा रहा है तो यह एक बहुत बड़े स्वर का संकेत है। इससे कोरोना का संक्रमण जल के माध्यम से काफी तेजी से फैल जाएगा। ऐसे में उस पानी का प्रयोग तुरंत बंद कर देना चाहिए।
Homepage | Click Hear |