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क्यों Dilip Kumar ने एक ही फिल्म की कहानी को सुनने के लिए 3 बार बुलाया था जावेद अख्तर को? जानें किस्सा

क्यों Dilip Kumar ने एक ही फिल्म की कहानी को सुनने के लिए 3 बार बुलाया था जावेद अख्तर को? जानें किस्सा

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> 1984 में यश चोपड़ा (यश चोपड़ा) की फिल्म ‘मशाल’ रिलीज हुई थी, ये एक मराठी नाटक का हिंदी रूपांतरण था। इस फिल्म की कहानी को लिखा गया था। सलीम-जावेद की जोड़ी टूटने के बाद बतौर सोलो राइटर ये जावेद अख्तर की पहली फिल्म थी। जब इस फिल्म की कहानी, सुपरस्टार दिलीप कुमार को सुनाई गई तो उन्होंने तुरंत ही हां कर दी। यश चोपड़ा, जो इस फिल्म के निर्देशक और प्रड्यूसर दोनों थे, उन्होंने शूटिंग की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन शूटिंग से एक महीने पहले दिलीप कुमार ने जावेद अख्तर को फोन किया कि मुझे एक बार फिर फिल्म की कहानी सुनानी है। <पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> जावेद अख्तर को लगा कि शायद दिलीप साहब फिल्म की कहानी को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं है, जावेद, दिलीप कुमार के घर गए और कहानी फिर से नरेट करके लौट आए, फिर शूटिंग के महज़ एक दिन पहले दिलीप कुमार को जावेद अख्तर को कॉल करके कहा कि मुझे एक और बार फिल्म की कहानी सुनानी है। यश चोपड़ा ने जावेद को फिर से कहानी सुनाने के लिए भेजा दिया।

इस बार जावेद अख्तर से रहा नहीं गया और उन्होंने खुद से पूछा कि आप बार-बार कहानी क्यों सुनना चाहते हैं। जावेद की बात सुनकर दिलीप कुमार ने कहा कि -‘तुम्हारी कहानी बहुत सिंपल है लेकिन आपने मेरे किरदार को इतना कंप्लीकेटेड बना दिया है कि मुझे समझने में परेशानी हो रही है। इसी कारण से इस रोल की भावना को समझने के लिए मैं आपको बार-बार यहां बुला रहा हूं। ‘

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