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खाली समय खजाना, इस पल के बिना जिंदगी रोबोट जैसी, परीक्षा पर चर्चा के दौरान बोले PM मोदी- एग्जाम नहीं आखिरी पड़ाव

खाली समय खजाना, इस पल के बिना जिंदगी रोबोट जैसी, परीक्षा पर चर्चा के दौरान बोले PM मोदी- एग्जाम नहीं आखिरी पड़ाव

by Sneha Shukla

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परीक्षा पर चर्चा के दौरान छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि परीक्षा कोई अंतिम पड़ाव नहीं है। उन्होंने कहा- ‘आपको डर एग्जाम का नहीं है। तुम्हें डर है किसी और का है और वह क्या है? आपको आसपास एक माहौल बना दिया गया है कि यही एग्जाम सबकुछ है, यही जीवन है। और हम इसे आवश्यकता से अधिक ओवर कंसियस हो जाते हैं। हम थोड़ा बहुत सोचने लग जाते हैं। इसलिए मैं समझता हूं कि जीवन में ये कोई अंतिम मुकाम नहीं है। ‘

परीक्षा एक छोटा पड़ाव

पीएम मोदी ने कहा- “ये जीवन बहुत लंबी है, बहुत पड़ाव आते हैं। परीक्षा एक छोटा सा पड़ाव है। हमें विवश नहीं करना चाहिए, चाहे टीचर हो, स्टूडेंट हो, परिवारजन हो, यार दोस्त बनो। अगर बाहर का दबाव कम हो गया, खत्म हो गया, तो एग्जाम का दबाव कभी महसूस नहीं होगा, कॉन्फिडेंस फलेगा-फूलेगा, प्रेशर रिलीज होगा, कम हो जाएगा। ”

खाली समय है कदम

पीएम मोदी ने कहा कि खाली समय को खाली मत समझिए, ये कदम है। खाली समय एक भाग्य है, खाली समय एक अवसर है। आपकी दिनचर्या में खाली समय के पल होने के साथ ही, वर्ना तो जिंदगी एक रोबोट जैसी हो जाती है। जब आप खाली समय में अर्न करते हैं तो आपको उसकी सबसे ज्यादा वेल्यू पता चलती है। इसलिए आपकी लाइफ ऐसी होनी चाहिए जब आप खाली समय अर्न करें तो वह आपको आनंद दे दे। पीएम मोदी ने कहा कि यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि खाली समय में किन चीजों से बचना चाहिए, नहीं तो वे ही सारा सारा खा लेंगे। पता भी नहीं चलेगा और अंत में रिफ्रेश-रिलैक्स होने के बजाय आप तंग आ जाएंगे, थकान महसूस करेंगे।

परीक्षा जीवन के गढ़ने का मौका

परीक्षा पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा- हमारे यहां परीक्षा के लिए एक शब्द है-कसौटी। मतलब, खुद को कसना है। ऐसा नहीं है। एक अवसर है। समस्या तब आती है जब एग्जाम को ही जैसे जीवन के सपने का अंत मान लेत हैं। जीवन मरण का प्रश्न बना देते हैं। वास्तव में एग्जाम जीवन को गढ़ने का एक अवसर है। वास्तव में हमे अपने आप को एक कसौटी पर कसने के मौके खोजते ही रहना चाहिए। इसलिए हमें और बेहतर करना चाहिए।

पीएम मोदी ने परीक्षा पर चर्चा करते हुए कहा- “यह परीक्षा पे चर्चा है, लेकिन सिर्फ परीक्षा की ही चर्चा नहीं है। बहुत कुछ बातें हो सकती हैं। एक हल्का-फुल्का वातावरण बना है। एक नया आत्मविश्वास पैदा करना है और जैसे आपने घर में बैठकर बातें करते हैं, अपनों के बीच बात करते हैं, यार दोस्तों के साथ बातें करते हैं। ”

कोरोना के नेतृत्व में नए फॉर्मेट में आना पड़ा

पीएम मोदी ने आगे कहा- आपने रूबरू न होना, आपकी चेहरी की खुशी ना देखना, आपका उमंग और उत्साह ना अनुभव करना, ये अपने आप में मेरे लिए एक बड़ा नुकसान है। लेकिन फिर भी परीक्षा तो है ही है, आप है, मैं हूं, परीक्षा है, तो फिर अच्छा ही है कि हम परीक्षा पर लगातार चर्चा करेंगे और इस साल भी ब्रेक नहीं लेंगे। पीएम मोदी ने परीक्षा पर चर्चा के दौरान कहा- ये धारणा पर चर्चा का पहला वर्ग एडिशन है। हम पिछले एक साल से कोरोना के बीच जी रहे हैं और उसके कारण हर किसी को नया इनोवेशन करना पड़ रहा है। मुझे आपलोगों से मिलने का मोह इस बीच छोड़ दें एक नए फॉर्मेट में आपका बीच आना पड़ रहा है।



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