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गंगा में बहते शव को लेकर NHRC का केन्द्र सरकार और यूपी-बिहार को नोटिस, 4 हफ्ते में मांगी कार्रवाई रिपोर्ट

गंगा में बहते शव को लेकर NHRC का केन्द्र सरकार और यूपी-बिहार को नोटिस, 4 हफ्ते में मांगी कार्रवाई रिपोर्ट

by Sneha Shukla

उत्तर प्रदेश और बिहार में बहने वाली गंगा नदी में कई शव बरामद किए जाने की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार ने स्वत: संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने गुरुवार को बिहार और यूपी के मुख्य सचिवों के साथ ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को नोटिस भेजते हुए चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है।

एनएचआरसी का केंद्र और बिहार-यूपी को नोटिस

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले लोगों के मुताबिक नरही इलाके के रेफियार, कुल्हड़िया और भरौली घाट पर कम से कम 52 वनवासी बहती हुई दिखाई दी हैं। इसी तरह गंगा नदी में लाशों के बहने की खबर बिहार से भी मिली है। बयान में एनएचआरसी ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रशासनिक अधिकारी जनता को जागरूक करने और गंगा नदी में अधजली या बिना जली लाशों को बहाने से रोकने में असफल हुए हैं।

दूसरा पक्ष, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की बीघापुर पाटन तहसील में गंगा नदी के बक्सर घाट पर दफनाये गये कई शव कथित रूप से बरामद होने पर, जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। ये दफनाये गए शवों की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया।

उन्नाव में घाट पर दफनाये गये शवों के बरामद होने की खबर

उन्नाव के जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने बताया, ‘इस मामले की जानकारी मिलने के बाद उप जिलाधिकारी स्तर के एक अधिकारी को जांच के लिए मौके पर भेजा गया है और वह पूरे मामले की रिपोर्ट देंगे।’ उन्होंने बताया कि बक्सर घाट कई जिलों की सीमा पर स्थित है और यह रायबरेली, फतेहपुर उन्नाव को स्टेशनरी है, वहां पर कई जिलों के लोग आकर परंपरागत तरीके से अंतिम संस्कार करते हैं। अधिकारी ने बताया, ” मुझे सूचना मिली है कि कुछ लोगों द्वारा रेत के नीचे शवों को दबाया गया है। सूचना मिलने के बाद तत्काल उप जिलाधिकारी को भेजा गया है। जो भी स्थिति है उसको देखते हुए सम्मानजनक जो भी कार्यवाही है वह कर रही है, इस तरह की स्थिति फिर ना हो इसके लिए भी कड़े निर्देश दिए गए हैं। ‘

उप जिलाधिकारी (एसडीएम) बीघापुर दया शंकर पाठक ने बताया, ” जिलाधिकारी के निर्देश पर पुलिस क्षेत्राधिकारी के साथ मौके पर जाकर मैंने निरीक्षण किया है, कहीं कोई शव खुले में पड़ा नहीं दिखाई दिया। दफनाए गए शवों की संख्‍या को लेकर भी उन्होने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। ’’ इस घाट के पास रहने वाले ग्रामीणों का कहना था कि गुरुवार सुबह से ही किसी को भी शव दफनाने नहीं दिया जा रहा है, सभी को दाह संस्कार के लिए। कहा जा रहा है।

ये भी पढ़ें: बक्सर प्रशासन ने महादेवा घाट पर बिछाया जाल, अधजले शवों के बहकर आने के बाद प्रकट हुए अधिकारी

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