[ad_1]
भारत के चार अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयान कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष में जाना है। इन सभी अंतरिक्ष यात्रियों ने रूस में एक साल का अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। रूसी से प्रस्थान के बाद ये सभी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के डिजाइन किए गए प्रशिक्षण मॉड्यूल से प्रशिक्षण लेंगे। पूरी तरह से प्रशिक्षण के बाद अब ये चारों अंतरिक्ष यात्रियों को गगनायन के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजेंगे। रूस में अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की परमानतियों के अनुसार ढकना की प्रशिक्षण दी गई है।
भारत में प्रशिक्षण होगा
भारत में प्रशिक्षण के तीन मुख्य भाग होंगे। ऑवरऑल प्रोजेक्ट पर एक मॉड्यूल, चालक दल के सदस्यों के लिए एक मॉड्यूल और फ्लाइट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर एक मॉड्यूल। इसरो के ह्यूमन स्पेसलाइट सेंटर के डायरेक्टर डॉ। उन्नीकृष्णन नायर पहले ही बता चुके हैं कि चार अंतरिक्ष यात्री, जिन्हें भारतीय वायु सेना के पायलटों के एक पूल से चुना गया था, वर्तमान में रूस में जीसीएट (यूरी गार्डीस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर) में बेसिक ट्रेनिंग ले रहे हैं। ” वर्तमान में रूस में प्रशिक्षण खत्म हो चुका है और अब अंतरिक्ष यात्री भारत में स्पेसिफिक प्रशिक्षण लेंगे जिसके लिए तकनीशियन को डिफाइन किया गया है।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री रूस में गगन्यायन मिशन के लिए पूरा प्रशिक्षण लेते हैं
पढ़ें @ANI कहानी | https://t.co/T1Fzugsts0 pic.twitter.com/Ut4mMGEjx4
– एएनआई डिजिटल (@ani_digital) 22 मार्च, 2021
पीएम मोदी ने की थी घोषणा
मानव रहित गगनयान मिशन को इसी वर्ष दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा। ये जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान दी थी। इससे पहले इस मिशन को दिसंबर 2020 में शुरू किया जाना था लेकिन कोरोनावायरस महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था। देश के पहले मानव मिशन गगनयन प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 9023 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में 15 अगस्त के भाषण में देश के पहले मानव मिशन को लॉन्च करने की घोषणा की थी।
ये भी पढ़ें:
UP Coronavirus अपडेट: 24 घंटे में सामने आया 500 से जियालदा केस, सीएम योगी ने दिया विशेष निर्देश
।
[ad_2]
Source link
Homepage | Click Hear |