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बीसीजी नाम की एक कंसल्टेंसी फर्म ने एक रिपोर्ट में कहा है कि गिग इकोनॉमी के जरिए आने वाले 3 से 4 सालों में भारत में 90 मिलियन नौकरी निकल जाएगी और इसका सीधा फायदा भारत की जीडीपी को होगा। दरअसल गिग इकोनॉमी के जरिए वर्कर्स आमतौर पर शॉर्ट ड्यूरेशन के लिए हायर किए जाते हैं जो 250 बिलियन डॉलर से ज्यादा का विटैक्शन कर सकते हैं। वहीं फर्म के मुताबिक गिग इकोनॉमी एक नई अवधारणा नहीं है लेकिन प्रौद्योगिकी के आने के बाद इसने ज्यादा तेजी से काम किया है। इतना ही नहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि जब कुछ साल पहले बेरोजगारी पर चिंता जताई जा रही थी तब सरकार ने भी गिग इकोनॉमी की तरफ इशारा किया था। गिग इकोनॉमी के माध्यम से निर्माण, विनिर्माण और परिवहन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर 70 मिलियन रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।
किन क्षेत्रों में मिल कर सकते हैं हैं नौकरी;:
गिग इकोनॉमी के माध्यम से 24 मिलियन ऐसी नौकरियों की संभावना है जिसमें छोटे से मध्यम कौशल के लोग काम करेंगे। वहाँ तीन मिलियन सेवाओं को साझा करने की सुविधा है और 8.5 मिलियन घरेलू मांग को पूरा करने वाली जोखिम होगी। इतना ही नहीं शहर में 600 लोगों पर किए गए एक ईमेल के मुताबिक आने वाले समय में कम और ज्यादा लोगों के लिए लगभग 35 मिलियन पाउंड की संभावना है।
गिग इकोनॉमी से है मिलता है रोजगार:
रिपोर्ट में कहा गया है कि सुविधा प्रबंधन, परिवहन और व्यापार जैसे पदों के लिए भी 5 मिलियन नौकरी मिलने की संभावना है, जबकि 37 मिलियन लोगों को कम पढ़े लिखे लोगों को रोजगार देने का काम करेंगी। आने वाले समय के अनुसार श्रमिकों के लिए लगभग एक मिलियन शुद्ध न्यू इंडिया निकाली जा सकती हैं।
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