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गृह मंत्रालय का आदेश, अब सिर्फ मेडिकल कामों में होगा ऑक्सीजन का इस्तेमाल

गृह मंत्रालय का आदेश, अब सिर्फ मेडिकल कामों में होगा ऑक्सीजन का इस्तेमाल

by Sneha Shukla

नई दिल्ली: ऑक्सीजन को लेकर देशभर में मची हाहकार के मद्देनजर केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर महत्वपूर्ण फेरबदल किया है। जिसके तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश जारी कर कहा है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति अब किसी भी नॉन मेडिकल काम के लिए नहीं की जाएगी और इसका प्रयोग केवल मेडिकल के कामों में किया जाएगा। केंद्रीय गृह सचिव के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी उद्योग को इस आदेश के तहत छूट नहीं दी गई है।

ध्यान रहे कि कोरोना महामारी की बढ़ती दशा के मद्देनजर समूचे देश में दोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही इस महामारी का जो नया ट्रेंड पहले ट्रेंड के मुकाबले सामने आया है, उसके मुताबिक कोरोना से पीड़ित लोगों की सांस ज्यादा फूल रही है और उन्हें ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत पड़ रही है। इसको लेकर बड़ी ही विचित्र स्थिति यह हो गई है कि एक तरफ तो अस्पतालों में बिस्तर उपलब्ध नहीं है और वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति भी पूरी तरह से नहीं हो पा रही है जिसके कारण अनेकों रोगियों की जान भी चली गई है। इस मामले को लेकर कानूनी तौर पर भी काफी हो हल्ला मचा और कोर्ट ने भी तल्ख टिप्पणियाँ की हैं।

इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज इस पूरी स्थिति की एक बार फिर समीक्षा की और आज देर शाम केंद्रीय गृह सचिव द्वारा जारी किए गए आदेशों में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि ऑक्सीजन का प्रयोग अब किसी भी नॉन मेडिकल काम में नहीं किया जा सकेगा। । साथ ही यह भी कहा गया है कि ऑक्सीजन बनाने वाली सभी यूनिटें अपनी क्षमता के अनुसार अधिकतम लिक्विड ऑक्सीजन बनाएँ और उसको सरकार को मेडिकल कामों के लिए दें।

उद्योग को छूट नहीं
केंद्रीय गृह सचिव के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस आदेश के तहत किसी भी उद्योग को लिक्विड ऑक्सीजन प्रयोग किए जाने की कोई छूट नहीं दी गई है। केंद्रीय गृह सचिव के आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से अगले आदेशों तक लागू हो गया है। यानी स्पष्ट है कि ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर अब केंद्र सरकार बेहद गंभीर हो गई है और केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से इस पूरे मसले पर प्रकरण निगाह रखनी शुरू की जा चुकी है। मंत्रालय के एक आला अधिकारी के मुताबिक अगर किसी भी उद्योग ने इस आदेश की आपूर्ति में कोई भी कोताही दिखाई तो उसे कड़े नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।

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