काक: पश्चिम बंगाल में शनिवार को एक दिन में कोरोनावायरस संक्रमण के सबसे अधिक 14,281 मामले सामने आने के बाद सकारात्मकों की कुल संख्या 7,28,061 हो गई। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। बुलेटिन के अनुसार संक्रमण के कारण 59 और रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल तादाद 10,884 हो गई। राज्य में बीते 24 घंटे में 7,584 लोग संक्रमण से उबरे हैं। उपचाराधीन रोगियों की संख्या 81,375 है। पश्चिम बंगाल में शुक्रवार के बाद से से 55,060 और की जांच की जा चुकी है।
उधर, निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत को विभाजित -19 अनुरूप व्यवहार के अनुपालन में ढिलाई पर चिंता जताई और कहा कि यह पर्याप्त नहीं है। आयोग ने कोविद -19 दिशानिर्देशों को लागू करने की जिम्मेदारी संभालने वाले निकायों को अपने कर्म का पालन करने के लिए और कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और चुनाव आयुक्त राजीव कुमार द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में को विभाजित -19 दिशानिर्देशों के पालन की शनिवार को समीक्षा बैठक की गई जिसमें यह मुद्दा उठा। राज्य में अभी तक दो चरण के मुकाबले बाकी हैं। राज्य में सातवें चरण का दौड़ 26 अप्रैल को होगा जबकि आठवें चरण का अंतिम चरण की दौड़ 29 अप्रैल को होगी।
मार्च मार्च को रोक दें
निर्वाचन आयोग ने कुछ दिन पहले ही रोड शो और पैदल मार्च पर रोक लगा दी थी और जनाब में अधिकतम 500 लोगों के शामिल होने की सीमा तय की थी। उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान को विभाजित -19 संबंधित नियमों को लागू करने के मामले में निवार्चन आयोग के प्रति असंतोष व्यक्त किया था।
आयोग द्वारा शनिवार को जारी बयान में कहा गया, राज्य के मुख्य सचिव की शीर्ष वाले राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की कार्यकारी समिति को अपना स्थायी व्यवहार निवारणाने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है। समिति पर वर्ष 2005 के कानून के तहत को विभाजित -19 के अनुरूप व्यवहार लागू करने की जिम्मेदारी है।
बयान के मुताबिक आयोग ने एसडीएमए और उसके कार्यकारियों को निर्देश दिया है कि वह चुनाव प्रचार के दौरान को -19 नियमों को लागू करे और किसी भी उल्लंघन होने पर उचित कार्रवाई करे। आयोग के समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, स्वास्थ्य सचिव और कोलकाता के पुलिस आयुक्त ने किया। बयान के मुताबिक मुख्य सचिव ने आयोग को आश्वस्त किया कि पूरे अमले को अब से अधिक सख्त कार्रवाई करने और संवेदनशील होने का निर्देश दिया गया है और अधिनियम के तहत निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा।
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