न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
Updated Mon, 03 मई 2021 02:33 AM IST
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दरअसल बीते पांच सप्ताह से देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। हर दिन तेजी से फैलते संक्त्रस्मण ने अब तक अधिकांश राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया है। 12 राज्यों में संक्त्रस्मण की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 150 जिलों में संक्त्रस्मण दर 15 प्रति से बहुत अधिक है। जबकि 250 जिलों में संक्त्रस्मण दर 10 से 15 प्रति के बीच है। ऐसे में इन क्षेत्रों में एक सख्त लॉकडाउन की आवश्यकता है।
दो हफ्ते पहले भी राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने सरकार से संक्त्रस्मण प्रभावित जिलों में लॉकडाउन की सिफारिश की थी लेकिन कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के तहत इस विचार नहीं किया गया हो गया। अब एक बार फिर टास्क फोर्स ने कम से कम दो सप्ताह के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने की सिफारिश की है। इस टीम में नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ। रणदीप गुलेरिया भी शामिल हैं जिन्होंने एक दिन पहले ही सख्त लॉकडाउन लगने की पैरवी भी की है।
पीएम मोदी ने 20 अप्रैल को देश के नाम संबोधन में ही यह स्पष्ट कर दिया था कि सरकार लॉकडाउन नहीं लगाना चाहती है। वह लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों ने भी कहा था कि लॉकडाउन का इस्तेमाल अंतिम विकल्प के रूप में ही किया जाएगा। इस वक्त देश के लिए दवा भी और पेटेंट की आवश्यकता है।
इन राज्यों ने की घोषणा
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा? पिछले वर्ष की तरह इस दौरान भी पूरी तरह से राज्य बंद रहेगा। वहीं ओड़िशा सरकार ने आगामी पांच से 19 मई के बीच पूरे लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। देश की राजधानी दिल्ली में वर्तमान में 10 मई तक कर्फ्यू लगाया गया है जिसे लॉकडाउन में भी राज्य सरकार संशोधित कर सकती है। जानकारी मिल रही है कि अन्य राज्यों में भी जल्द ही लॉकडाउन की घोषणा की जा सकती है।
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