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छत्तीसगढ़ में कोरोना से हालात बेकाबू, रायपुर में हर रोज 100 शवों का हो रहा अंतिम संस्कार, अस्पताल में बड़ी संख्या में रखी हैं डेड बॉडीज

by Sneha Shukla

छत्तीसगढ़ में कोरोनावायरस माहारी की वजह से हालात बेकाबू हो गए हैं। राज्य में कई पाबंदियों के बावजूद भी कोरोना संक्रमण के नए मामले बढ़ते जा रहे हैं। मृत्यु के आंकड़े में भी काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। इस बीच, राज्य सरकार ने यह भी माना है कि स्थिति गंभीर है और पोजित व्यक्ति रेट भी बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मिनिस्टर टीएस सिंह देव ने बताया है कि केंद्र सरकार ने जो वेंटिलेटर्स भेजे थे, उसमें से कुछ काम नहीं कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले बढ़ने की वजह से मुर्दाघर में बड़ी संख्या में शव रखे हुए हैं। कई जिलों से डराने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। रायपुर में पिछले दो दिनों से रोजाना 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

‘स्थिति गंभीर, कुछ वेंटिलेटर्स खराब’
राज्य के स्वास्थ्य मिनिस्टर टीएस सिंह देव ने बताया, ” हालात गंभीर हैं। मामलों में बढ़ा हुआ है, पॉजिट्स रेट भी बढ़ा है। यह नहीं कहा जा सकता है कि केंद्र ने मानकर कुछ खराब वेंटिलेटर्स भेजे थे या नहीं, लेकिन कुछ वेंटिलेटर्स अभी भी काम नहीं कर रहे हैं। ’’ उन्होंने आगे बताया कि स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी मरीजों की देखभाल करना है, हम अन्य व्यवस्था नहीं कर सकते। कर सकते हैं। मैंने इसके बारे में जिला प्रशासन से बात की। शवों को रखने के लिए और इंतजाम किए गए हैं।

अस्पताल के मुर्दाघर में बड़ी संख्या में रखे हुए हैं शव
राज्य के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल डॉ। भीमराव आंबेडकर अस्पताल के मुर्दाघर में बड़ी संख्या में शव रखे हुए हैं। वहीं रायपुर शहर में अब शमशान घाटों की संख्या बढ़ाई जा रही है। छत्तीसगढ़ में कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों के लगातार बढ़ने के बीच सोशल मीडिया पर फ़ोटो और वीडियो सामने आई हैं। वीडियो में राजधानी रायपुर में सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आंबेडकर अस्पताल के मुर्दाघर के सामने में बड़ी संख्या में शव रखे दिख रहे हैं जिनका अंतिम संस्कार किया जाना है। इनमें से कुछ शव स्ट्रेचर पर रखे हुए हैं, जबकि कुछ शव जमीन पर हैं। यही हाल पड़ोसी दुर्ग जिले का भी है। वहां बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने की जानकारी मिली है।

‘रात में भी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो रही है’
हिंदू धर्म में आमतौर पर रात में शव नहीं जलाने की परंपरा है लेकिन अब जिला प्रशासन और नगर निगम के कर्मचारियों के सहयोग से रात में भी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो रही है। सिंह देव ने बताया कि जिला प्रशासन और नगर निगमों को कहा गया है कि वे जल्द ही जल्द शवों का अंतिम संस्कार करने की प्रक्रिया पूरी करेंगे। छत्तीसगढ़ में इस महीने की एक तारीख से सोमवार तक 861 लोगों की मौत हुई है। इनमें रायपुर जिले में 305 और दुर्ग जिले में 213 मौतें शामिल हैं। मंत्री सिंह देव ने कहा कि राज्य में संक्रमण के मामले बढ़े हैं इसलिए मृतकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

‘जल्द से जल्द शस को भेजने की व्यवस्था करें अधिकारी’
उन्होंने कहा कि आमतौर पर कोविड -19 के मरीज जो रायपुर के हैं, उनके अंतिम संस्कार में देरी नहीं होती है। लेकिन रायपुर से बाहर अन्य जिलों के मरीज जिनकी मृत्यु राजधानी के अस्पताल में हुई है उनका शव गृह जिलों में भेजने और इस दौरान होने वाली प्रक्रिया के कारण देरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में बड़ी संख्या में शवों के रखे होने का एक कारण यह भी है। मंत्री ने बताया कि अधिकारियों से कहा गया है कि शवों को जल्द ही उनके गृह जिले में भेजने की व्यवस्था करें।

रायपुर में दो दिन से हर रोज 100 शवों का अंतिम संस्कार
रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि पिछले दो दिनों से रायपुर में प्रति दिन 100 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने बताया कि शहर में शव वाहनों की संख्या भी बढ़ाई गई है जिससे बगैर देरी किए शवों को शमशान ले जाना संभव हो गया है। भट्टाचार्य ने बताया कि सोमवार को आंबेडकर अस्पताल के मुर्दाघर में 40 शव थे। उन्होंने कहा कि ये शव कोविड -19 और अन्य बीमारी से जान गंवाने वाले लोगों के थे। उन्होंने कहा कि हालांकि ये संख्या क्षमता से अधिक है और शवों का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था की जा रही है। राज्य के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में कोरोनावायरसिटेन्स की मृत्यु में वृद्धि को देखते हुए रायपुर और अन्य जिलों में विद्युत शवदाह गृह बनाये जा रहे हैं।

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