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तो मुश्किल जरूर है … लेकिन हौसला और उम्मीद हो तो कोई भी जंग जीती जा सकती है और ऐसी ही जंग एक पत्नी ने और एक मां ने जीती है। हम बात कर रहे हैं रण्डो राकेश्वर की। जिन्हें 6 दिन बाद आखिरकार नक्सलियों ने रिहा कर दिया। ।
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