70 और 80 के दशक में जिस एक्ट्रेस की अदाओं और अदाकारी ने लाखों दिलों को धड़कना सिखाया, उनका नाम रेखा है, लेकिन रेखा (रेखा) का फिल्मी सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। देखा जाए तो रेखा की पूरी जिंदगी ही एक संघर्ष की तरह रही। बचपन में पिता का प्यार नहीं मिला। ना चाहते हुए भी फिल्मों में काम करना पड़ा। घर बसाने की कोशिश की लेकिन बस नहीं मिली और जिससे प्यार किया वो मिल नहीं पाया।
वहीं बात करें उनके करियर की तो, साल 1969 में रेखा और विश्वजीत फिल्म ‘अंजाना सफर’ में काम कर रहे थे। इस फिल्म में एक व्हिंग सीन फिल्माया जाना था। जब इस बारे में रेखा को बताया गया तो वो घबराने लगी और घबराकर उन्होंने मना कर दिया, लेकिन फिल्म की टीम के उभरने पर बड़ी मुश्किल से रेखा इस सीन को करने के लिए राजी हो गईं।
जब रेखा और विश्वजीत दादा के बीच ये सीन फिल्माया जाने लगा, तब रेखा इतनी घरबाई हुईं थी कि उनके चेहरे पर डर साफ देखा जा रहा था। जिसकी वजह से सीन के बार-बार रीकेट हो रहे थे। बार-बार रिजेक्ट होने का कारण रेखा बेहोश हो गई। किसी व्हिंग सीन की वजह से हुरिन का बेहोश होना हिंदी सिनेमा में पहली बार हुआ था। ये बात आग की तरह मीडिया में फैल गई और सामने से पहले ही फिल्म को लेकर विवाद हो गया।
जब इस फिल्म को सेंसर बोर्ड में भेजा गया तो उन्होंने फिल्म ‘अंजाना सफर’ से इस किसिंग सीन को हटाने के लिए कहा। इसी चक्कर में फिल्म लटक गई। फिर ये फिल्म 1-2 साल बाद नहीं बल्कि पूरे दस साल बाद साल 1979 में ‘दो हंटर’ के नाम से रिलीज हुई थी।
।
Homepage | Click Hear |