<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> श्रीनगर : जम्मू कश्मीर पुलिस ने नकली आतंकी बन कर लोगों को लूटने के एक समूह का भंडाफोड़ किया है। घटनाक्रम के सदस्य बारामुला और सोपोर में लोगों को आतंकी बन कर धमकाने के साथ-साथ वसूली भी कर रहे थे। घटनाक्रम से जुड़े चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और कुछ और लोगों की तलाश में छापेमारी जारी है। & nbsp;
एसएसपी सुदंशु पांडे के अनुसार कश्मीर में आतंकवाद में आई कमी का फायदा अब आम मुजरिम उठाने लगे हैं और यह घटना भी इसी तरह का सबूत है। एसएसपी के अनुसार कुछ दिन पहले सोपोर के रहने वाले एक डॉ मोहमद अशरफ ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ नकाबपोश लोगों ने अपने दफ्तर में घुस कर वसूली के लिए दबाव बनाया। शिकायतकर्ता ने पुलिस को यह भी बताया कि नकाबपोश लोगों ने अपने आप को लश्कर और जैश से जुड़ा हुआ बोला और उसके क़त्ल करने के आदेश का डर दिखाया। & nbsp;
नकाबपोश लोगों ने कारोबारी को जैश के लेटर हेड पर लिखा एक पत्र लिखा जिसमें जान के बदले आतंकियों की मदद के लिए 5 लाख रुपये का फरमान लिखा हुआ था, जिसके बाद व्यापारी ने कुछ समय की मोहलत पूछी। पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> लेकिन व्यवसाय ने पैसे देने के बदले पुलिस की मदद ली और सोपोर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करवाया। डॉ। ने पुलिस वालो को कुछ संदिग्ध और nbsp; लोगों के बारे में भी जानकारी & nbsp; दी जिन पर & nbsp; शक् त है। & nbsp;
मामला सामने आते ही सोपोर पुलिस के एसएसपी एसएसपी सुदांशु पांडे ने कार्रवाई के लिए एक टीम गठित की। टीम ने मामले की शुद्धता को देखते हुए जल्द ही कार्रवाई शुरू कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी और तीन दिन की कोशिशों के बाद मामले को सुलझा लिया। & nbsp;
पुलिस ने बरामद किए आतंकी संगठनों के लैटरपैड
पुलिस ने नकली आतंकी बन कर लोगों को लूटने वाले चार आरोपियों को विभिन्न स्थानों पर छापे मार कर गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्ज़े से विभिन आतंकी संगठनों के लेटर पैड और प्रिंटर बरामद भी किए गए। & nbsp;
पकड़े गए लोगों की पहचान सोपोर के रहने वाले हिलाल अहमद पातु, तहलील निसार अहंगार, इमरान अज़ेज़ गिलकर, और मुदासीर हसन गनाई के तौर पर की गई है। पकड़े गए चारों आरोपियों में से हिलाल के बारे में पता चला है कि वह एक पूर्व आतंकी है और उसी ने यह पूरी साज़िश साची थी। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इस गिरोह के तार कहीं पिछले दिनों पकड़े गए ऐसे ही एक और नकली आतंकी संगठन से तो नहीं जुड़े हैं और अभी तक यह कितने लोगों को इस तरीके से लूट चुके हैं। & nbsp; <पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> यह भी पढ़ें:
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