जे: पूरे देश की तरह जम्मू-कश्मीर में भी दोना तेजी से अपना कहर बरपा रहा है और जम्मू में कोरोनाफार्म रोगियों के साथ-साथ इस महामारी से मरने वाले लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में बूम से फैल रहे कोरोना के कारण यहां काम करने वाले दूसरे राज्यों के मजदूर अब तेजी से वापस अपने घर जाना शुरू कर चुके हैं।
शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड मामला
शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में रिकॉर्ड 2000 से अधिक नए कोरोनाचारी मामले दर्ज किए गए, जबकि इस महामारी से मरने वालों की संख्या 17 रही। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान यह प्रदेश में इस बीमारी से मारे जाने वाले लोगों की अब तक की सबसे अधिक संख्या है। प्रदेश में कोरोना से आरक्षण के लिए जारी सख्त दिशानिर्देशों के चलते अब जम्मू कश्मीर में काम करने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों पर काम का संकट छा गया है।
अपने घरों को लौटने वाले मजदूर
लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच काम न मिलने के कारण जम्मू कश्मीर में दूसरे राज्यों से आए मजदूर अब अपने घरों का रुख कर रहे हैं। जम्मू रेलवे स्टेशन पर आलम यह है कि बाहरी राज्यों के मजदूर लगातार यहां से दिल्ली और दूसरे राज्यों में जाने वाली ट्रेनों में सवार होकर अपने घरों की तरफ लौट रहे हैं। जम्मू में काम कर रहे मजदूरों का दावा है कोरोना महामारी के कारण उनके काम पर व्यापक असर पड़ा है और उन्हें इन दिनों काम नहीं मिल रहा है। काम न मिलने से उनके पास पैसे की किल्लत हो रही है और ऐसे में उनके पास अपने घर लौटने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन लॉकडाउन के पक्ष में नहीं
जम्मू रेलवे स्टेशन पर कुछ ऐसे भी श्रमिक हैं, जिनके पास अपने घर जाने तक का किराया नहीं है। इन लोगों का कहना है कि सरकार को उनके बारे में सोचना चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द अपने घर वापस भेजना चाहिए। वहीं जम्मू कश्मीर सरकार का दावा है कि प्रदेश में अभी पूरी तरह से लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है क्योंकि लॉकडाउन का सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
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