भारत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है। हालात दिनों-दिन विकट होते रहे हैं। रोजाना साढ़े तीन लाख नए मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई का सबसे मजबूत हथियार वैक्सीनेशन ही माना जा रहा है, लेकिन भारत में कोविशील्ड बनाने वाली वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदार पूनावाला ने कहा है कि भारत में वैक्सीन की उसलत जुलाई महीने तक बनी रहेगी। अदर पूनावाला का ये बयान ऐसे समय में आया है कि जब भारत सरकार 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का वैक्सीनेशन करवाकर टीकाकरण अभियान में जबरदस्त तेजी लाना चाहती है।
किल्लत के कारण वैक्सीनेशन अभियान में आई सुस्ती
पूरे देश में 1 मई से व्यापक स्तर पर कोरोनाकैनीकरण का अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत 18 साल से अधिक सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जानी थी, लेकिन वैक्सीन सप्लाई में आ रही बाधा के कारण इस अभियान में सुस्ती आती दिखाई दे रही है। देश के कई राज्यों में जरूरत के मुताबिक वैक्सीन नहीं पहुंच सकी है। वैक्सीन की कमी के कारण महाराष्ट्र और दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में 18 से 44 साल के लोगों के लिए टीकाकरण के कार्यक्रम को कुछ दिनों टाल दिया गया है।
जुलाई तक बनाए रखा जाएगा 100 मिलियन डेज हर महीने
वैक्सीन की कमी को लेकर अदर पूनावाला से साफ किया है कि वैक्सीन की कमी जुलाई महीने तक बनी रहेगी। पूनावाला ने कहा कि एक दिन में 100 मिलियन डोज बनाने की क्षमता तक पहुंचने में जुलाई महीने तक का समय लग जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की कमी को लेकर उनमें व उनके इंस्टीट्यूट को रजनेताओं व उनके आलोचकों ने बदनाम करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि उन्हें वैक्सीन बनाने को लेकर पहले से कोई निर्देश नहीं था। हमें अंदाजा नहीं था कि हमें एक साल में एक बिलियन डोज बनाने होंगे।
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