वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कृष्णन
द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
अपडेटेड मैट, 21 अप्रैल 2021 06:10 पूर्वाह्न IST
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इस फैसले का राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी स्वागत किया है। उन्होंने कहा- ये फैसला जॉर्ज को वापस तो नहीं ला सकता, लेकिन इससे हमें पता चलता है कि हम क्या कर सकते हैं। उसके अंतिम शब्द थे, मैं साँस नहीं ले सकता। हम इन शब्दों को मरने नहीं दे सकते। हमें ये सुनना होगा। हम इसे भाग नहीं सकते।
“मैं साँस नहीं ले सकता।”
वे जॉर्ज फ्लॉयड के अंतिम शब्द थे।
हम उन्हें उसके साथ मरने नहीं दे सकते। हमें उन्हें सुनते रहना होगा।
हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। हम दूर नहीं कर सकते।
– अध्यक्ष बिडेन (@POTUS) 20 अप्रैल, 2021
अमेरिका में जॉर्ज फ्लोल्ड की मौत के मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन के खिलाफ हत्या का मामला सोमवार को जूरी को भेज दिया गया था। पिछले साल चाउविन द्वारा अश्वेत नागरिक फ्लोल्ड की गर्दन को घुटने से दबाये जाने के बाद दम घुंटने से उसकी मौत हो गई थी, जिसका वीडियो सामने आने के बाद अमेरिका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
लोगों में फिर से नाराजगी उभरने के बाद इस मामले को जूरी को प्रेषक का फैसला लिया गया। जूरी में छह श्वेत लोग और छह अश्वेत लोग शामिल थे। लगभग पूरे दिन बहस चली, जिसमें अभियोजन पक्ष का तर्क था कि पिछले साल मई में चाउविन ने फ्लॉन्ड के जीवन को इस तरह से छीन लिया कि एक बच्चा भी जानता है कि वह रास्ता गलत था।
हालांकि, बचाव पक्ष ने दावा किया था कि सेवा से बर्खास्त किए जा चुके श्वेत अधिकारी ने उचित कार्रवाई की थी और 46 वर्षीय फ्लोल्ड की हृदय संबंधी बीमारी और नशीली दवाओं के अवैध इस्तेमाल से मौत हुई थी।
बहस खत्म होने के बाद, न्यायाधीश पत्नी काहिल ने रॉबर्ट के जन प्रतिनिधियों मैक्सिकन वाटर्स की टिप्पणियों के आधार पर कथित गलत तरीकों से मुकदमे को लेकर आरक्षण पक्ष के इस तर्क को अस्वीकार कर दिया था कि अगर फैसले में किसी को दोषी नहीं ठहराया जाता है तो प्रदर्शनकारी अधिक उग्र हो सकते हैं।
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