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जो बाइडेन के प्लान से अफगानिस्तान में और मजबूत होगा भारत, जानें- क्या है रणनीति

by Sneha Shukla

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अपने देश के सभी सैनिकों को 11 सितंबर, 2021 तक बुलाने का फैसला लिया है। 11 सितंबर को हुए आतंकी हमले की बरसी के मौके पर अफगानिस्तान की लड़ाई से अमेरिका वापस हट जाएगा, जो उसके लिए अब तक का सबसे लंबा संघर्ष है। हालांकि जो बाइडेन की रणनीति अफगानिस्तान को लेकर अपने पूर्ववर्तियों के बारे में कुछ अलग है। जो बाइडेन अफगानिस्तान में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका के पक्षधर हैं और अमेरिकी सेना के बाद अशांत देश में स्थिरता के लिए भारत को महत्वपूर्ण भूमिका में देखना चाहते हैं।

जो बाइडेन के एग्जिट प्लान के मुताबिक 11 सितंबर तक अमेरिका और उसके सहयोगी नाटो देशों के सैनिक पूरी तरह से अपने वतन छोड़ देंगे। इसके बाद क्षेत्रीय देशों को अफगानिस्तान को खड़ा करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसमें भारत की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। बाइडेन ने एग्जिट प्लान का ऐलान करते हुए कहा, ‘हम क्षेत्र के दूसरे देशों से कहेंगे कि वे अफगानिस्तान का ज्यादा त्याग करें। खासतौर पर पाकिस्तान और रूस, चीन, भारत और तुर्की। अफगानिस्तान के स्थिर भविष्य से उनका भी सीधा संबंध है। ‘

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिनकेन ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी को पत्र लिखकर संयुक्त राष्ट्र के संयोजन में भारत, रूस, पाकिस्तान, चीन, ईरान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के कॉन्फ्रेंस बुलाने का प्रस्ताव दिया था। इस कॉन्फ्रेंस में अफगान शांति प्रस्ताव को लेकर बात होगी। इस कार्यक्रम की मेजबानी तुर्की को करनी है, जो 24 अप्रैल से शुरू हो रही है। भारत-अमेरिका संबंधों की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत की महत्वपूर्ण भूमिका चाहते हैं। हालांकि वह ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, जो स्थायी शांति और स्थिरता की ओर ले जा सकते हैं। कुल मिलाकर यह कहना सही होगा कि पूर्व राष्ट्रपतियों की तुलना में जो बाइडेन अफगानिस्तान में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका के पक्षधर हैं।

जानें, पहले के राष्ट्रपतियों ने भारत को दी थी क्या भूमिका
इससे पहले अफगानिस्तान में जंग छेड़ने वाले पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज लुई ने भारत को नॉन-सिक्योरिटी इश्यूज पर काम करने को कहा था। जो रोड, पावर प्लांट, स्कूल, अस्पताल के निर्माण आदि के माध्यम से जारी किया जा रहा है। इसके बाद राष्ट्रपति बने बराक ओबामा ने शुरुआत में अफगानिस्तान में काफी तेजी दिखाई, लेकिन बाद में वह सेनाओं की वापसी की एकमात्र कोशिश करते रहे। वहीं हाल ही में पद से हटे डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से अफगानिस्तान में आर्थिक सहायता और विकास में योगदान के लिए कहा था। डोनाल्ड ट्रम्प एशिया में अमेरिकी रणनीति के लिए भारत को महत्वपूर्ण मानते थे।

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