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शनिवार को जीटीबी, बारा, सरोज, जयपुर गोल्डन, मेट्रो और सर गंगाराम आदि अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने बंद कर दिया गया। कई छोटे नर्सिंग होम भी नए रोगी भर्ती नहीं कर रहे हैं। इन सभी अस्पतालों में हर दूसरे दिन ऑक्सीजन की कमी हो रही है। आपूर्ति के लिए ये अस्पताल सरकार से लेकर सोशल मीडिया तक गुहार लगा रहे हैं। साथ ही हल्के लक्षण वाले रोगियों से घर जाने की अपील कर रहे हैं।
पेंटामेड अस्पताल में ऑक्सीजन की स्थिति
इस बीच पेंटामेड अस्पताल के प्रबंधक दीपक सेठी ने देर रात कहा कि हमने रीफिल करवाने के लिए 50 सिलिंडर भेजे थे लेकिन अब तक एक भी नहीं मिला। देर रात को हमे ऑक्सीजन की किल्लत होगी। कम से कम 50 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। कुछ वेंटिलेटर पर भी हैं।
एम्स में एक घंटे के लिए बंद हुआ आपातकालीन विभाग
दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल एम्स ने भी शनिवार को नए रोगियों का एडीला बंद कर दिया। इससे अफरातफरी मच गई। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को वापस किया जा रहा था। जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, अस्पताल प्रशासन ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण ऑक्सीजन का दबाव बढ़ गया था। यह देखता है कि ऑक्सीजन पाइपों को बदलने की प्रक्रिया की गई थी। लिहाजा सिर्फ एक घंटे के लिए नए मरीजों की भर्ती को रोका गया था।
हर घंटे गिरने की स्थिति, अस्पताल नहीं ले रहा मरीज
दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं। शुक्रवार शाम तक राजधानी के किसी भी अस्पताल में सामान्य, आईसीयू, वेटिनेटर बिस्तर उपलब्ध नहीं था, जबकि दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर बिस्तर उपलब्ध बताए जा रहे थे। सरोज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने नए रोगियों को भर्ती करना बंद कर दिया है। फोर्टिस, गंगाराम और बत्रा अस्पताल ने भी ऑक्सीजन की कमी को लेकर गंभीर परिस्थितियों का सामना करने की पुष्टि की है। उनका कहना है, मांग के अनुरूप ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है।
राजधानी में अब तक 48 की मौत
दिल्ली में पिछले दो दिन में ऑक्सीजन की कमी से तीन अलग-अलग अस्पतालों में कुल 48 मरीजों की मौत हो चुकी है। जयपुर गोल्डन अस्पताल से पहले बृहस्पतिवार रात को दिल्ली के ही सर गंगाराम अस्पताल में 25 मरीजों की मौत हो गई थी। रोहिणी इलाके में भी एक दिन पहले एक निजी अस्पताल में एक ही परिवार के तीन मरीजों की मौत हो गई थी।
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