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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया नकली रेमडेसिवीर की फैक्ट्री का पर्दाफाश, भारी मात्रा में इंजेक्शन बरामद

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया नकली रेमडेसिवीर की फैक्ट्री का पर्दाफाश, भारी मात्रा में इंजेक्शन बरामद

by Sneha Shukla

दिल्ली: पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी रेमडेसिव की फैक्ट्री का पर्दाफाश करते हुए एक गैंग के 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने उनके पास से भारी मात्रा में नकली रेमदेसीवीर & nbsp; इंजेक्शन भी बरामद किया है।

क्राइम ब्रांच के मुताबिक, ये गैंग अब तक 2000 से ज्यादा नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन जरूरतमंद लोगों को बेच चुकी है। एक रेमडेसिव इंजेक्शन 25 हज़ार से 40 हज़ार में बेचा जा रहा था। क्राइम ब्रांच की एलपीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम रेमडेसिर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी पर काम कर रही थी क्योंकि दिल्ली में लगातार सूचना मिल रही थी कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा है।

> दिल्ली की रहने वाली साधना शर्मा ने सप्लाई किया था इंजेक्शन

कुछ लोग मुनाफा कमाने के चक्कर में ये काम कर रहे थे। ब्लैक मार्केटिंग पर काम करते हुए क्राइम ब्रांच की टीम ने 23 अप्रैल की तारीख को 2 लोगों को गिरफ्तार किया एक शोहेब खान और मोहन झा। जब इन दोनों से हस्तक्षेप की गई तो इन्होंने बताया कि एक पुष्कर नाम से शख्स से लेकर उसने रेमडेसिर इंजेक्शन लिया था अब पुलिस की टीम पुष्कर की तलाश में लग गई। 25 अप्रैल को क्राइम ब्रांच की टीम ने अलग-अलग इलाको में छापेमारी कर पुष्कर और उसके एक साथी मनीष गोयल को गिरफ्तार कर लिया।

जब क्राइम ब्रांच की टीम ने पुष्कर और मनीष को हस्तक्षेप की तो उन दोनों ने किया। बताया कि उन्हें ये इंजेक्शन दिल्ली की रहने वाली एक साधना शर्मा ने सप्लाई करती थी। अब क्राइम ब्रांच को ये समझ नहीं आया कि इस नकली रेमडेसिर इंजेक्शन के पीछे एक लंबी चेन है। पुलिस की टीम ने दिल्ली में जाल बिछाकर 26 अप्रैल को साधना शर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया। साधना शर्मा ने खुलासा किया कि उसे वतन सैनी नाम का हरिद्वार का रहने वाला एक शख्स रेमडेसिवीर दे रहा था।

आदित्य गौतम के गिरफ्तार के बाद सामने आयी पूरी पढ़ी हुई कहानी p>

पुलिस ने 27 अप्रैल को वतन सैनी को भी गिरफ्तार कर लिया। अब जब वतन से हस्तक्षेप की गई तो इस नकली रेमडेसिव इंजेक्शन का मास्टरमाइंड फ्रंट आया उसका नाम आदित्य गौड़ था। पुलिस को पता चला की आदित्य गौतम की दवाई फैक्ट्री कोटद्वार में है और वहीं पर नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन की खेप तैयार की जा रही थी। पुलिस ने आदित्य गौतम को भी गिरफ्तार कर लिया और उसके बाद सामने आई इस पूरी रैकेट की कहानी।

जांच में क्राइम ब्रांच को पता चला कि आदित्य गौतम ने बी फार्म का कोर्स किया था साथ ही साथ एमबीए भी किया। था। पिछले कई वर्षों से उसकी दवाई की फैक्ट्री कोटद्वार में चल रही थी। लेकिन जैसे ही पूरे देश में इस इंजेक्शन की मांग बढ़ी तब आदित्य गौतम ने अपनी फैक्ट्री में फैले रेमेडिवीर इंजेक्शन बनाने का प्लान कर लिया। हस्तक्षेप में आदित्य गौतम ने बताया कि उसने नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बनाने से पहले रेमडेसिर के कुछ इंजेक्शन अलग-अलग फार्मा कंपनी से बचाये और उसे देखकर नकली दवाई तैयार की।

वांग ने अब तक 2000 से ज्यादा। नकली रेमेडेसीवीर इंजेक्शन लोगों को बेचा

क्राइम ब्रांच की टीम ने आदित्य गौतम की फैक्ट्री से 198 नकली रेमडेसिर इंजेक्शन, 3000 खाली शीशी, स्तनपान का मैनीक्योर और कंप्यूटर बरामद किया है। इसके अलावा वे मशीन सील की है जिससे ये नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन तैयार किया जा रहा था। हस्तक्षेप में सामने आया है कि ये गैप अबतक 2000 से ज्यादा नकली रेमडेसिर इंजेक्शन लोगों को बेच दिया गया है। जिसे 25 हज़ार से 40 हज़ार तक में बेचा जाता था।

ब्लॉक क्राइम ब्रांच मोनिका भारद्वाज ने बताया कि मार्किट में कोवी-प्री नाम की कोई कंपनी नहीं है। अगर आप कही से रेमडेसिवीर इंजेक्शन लेते है तो उसकी अच्छी से जांच कर ले कही ऐसा ना हो कि आप भी किसी ठगी के शिकार हो जाए। वर्तमान में क्राइम ब्रांच की टीम अभी भी छापेमारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि अभी भी इस मामले में और लोग भी गिरफ्तार हो सकते हैं।

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