Home » दिल्ली में लॉकडाउन की अफवाह पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बोले- ‘लॉकडाउन समाधान नहीं है’
दिल्ली में लॉकडाउन की अफवाह पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बोले- 'लॉकडाउन समाधान नहीं है'

दिल्ली में लॉकडाउन की अफवाह पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बोले- ‘लॉकडाउन समाधान नहीं है’

by Sneha Shukla

[ad_1]

नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, जिसके कारण कुछ शहरों में लॉकडाउन लगाने की नौबत भी आ गई है। देश की राजधानी दिल्ली में भी बीते कुछ दिनों में कोरोना के मामले खत्म से बढ़े हैं। ऐसे में दिल्ली में भी लॉकडाउन लगाने की अफवाह फैल रही है। इन अफवाहों पर विराम लगाते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि दिल्ली में वर्तमान में लॉकडाउन लगने की कोई संभावना नहीं है और लॉकडाउन समस्या का समाधान नहीं है।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि लॉकडाउन की कोई संभावना नहीं है। पहले लॉकडाउन करके देखा गया था, उसके पीछे एक लॉजिक था। उस समय किसी को पता नहीं था कि ये वायरस कैसे फैलता है। तब कहा गया था कि स्वभाव होने से 14 दिन का सायकिल है। तब विशेषज्ञों का कहना था कि अगर 21 दिनों के लिए सभी एक्टर्स को लॉक कर दें तो वायरस फैर्न बन्द हो जाएगा। इसके बाद भी लॉकडाउन बढ़ता गया, लेकिन इसके बावजूद कोरोना पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुआ। मुझे लगता है कि लॉकडाउन समाधान नहीं है।

रोज़ाना 80-90 हज़ार टेस्ट हो रहे हैं- स्वास्थ्य मंत्री

दिल्ली में कोरोना की ताज़ा स्तिथि बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शुक्रवार को दिल्ली में 1,534 पॉजिटिव केस आये थे और पॉजिटिव 1.8% है। अभी जो पॉजिट स्कोर है वह 2 प्रतिशत के लगभग कई दिन से चल रहा है। पहले केस कम थे लेकिन हाल में थोड़े ज्यादा बढ़े हैं। इसके लिए हमने बहुत अधिक बढा दी है। अब रोज़ाना 80-90 हज़ार टेस्ट हो रहे हैं। देश के औसत टैस्टिंग से 5 गुना ज्यादा टेस्ट हम कर रहे हैं। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं, एक-एक टेस्ट जो पॉजिटिव आ रहा है उसमें 30 लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं ताकि इसको जल्द से जल्द ही में लाया जा सके।

कोरोना के मौजूदा पीक के कब तक बने रहने की संभावना है इस सवाल के जवाब में सत्येंद्र जैन ने कहा कि एक हफ्ता अभी हमें ट्रेंड को देखना होगा। कोई भी निश्चित ट्रेंड आने में 3-4 सप्ताह का समय लग जाता है। कई बार लोगों में ढिलाई वाला बर्ताव भी आ जाता है। दिल्ली में 3-4 महीने नियमों का पालन बहुत अच्छा से हो रहा था, उस समय मामले कम थे। लेकिन पिछले 10-15 दिनों से लग रहा है कि अनुकूलन कुछ कम हुआ था, जिसमें हम सख्ती भी कर रहे हैं और लोगों से अपील भी कर रहे हैं। सबसे बड़ी कनेक्टिविटी है facades लगाने की। अगर ज्यादा लोग सकटते हैं तो इसको ओवर किया जा सकता है। एक साल की जद्दोजहद के बाद सबने समझ लिया है कि संकाय लगाना सार्वजनिक स्थान में सबसे अधिक आवश्यक है।

ये भी पढ़ें-

पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 वोटिंग लाइव: बंगाल के पहले चरण में सुबह 9 बजे तक 7.72 प्रतिशत मतदान

कोरोना की दूसरी लहर का कहर, 24 घंटे में आया 62 हजार नया केस, 291 किस्मो की मौत



[ad_2]

Source link

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment