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दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड में 207 करोड़ का स्कैम, CBI ने बैंक मैनेजर के घर मारा छापा, अज्ञात अधिकारियों पर मामला दर्ज

दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड में 207 करोड़ का स्कैम, CBI ने बैंक मैनेजर के घर मारा छापा, अज्ञात अधिकारियों पर मामला दर्ज

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के 207 करोड़ रुपयों को 109 कथित फर्जी एफडीआर के जरिए एक निजी व्यक्ति / फर्म के खाते में भेज दिया गया। सीबीआई ने इस बारे में डीयूएसआईबी के अज्ञात अधिकारियों और बैंक ऑफ बड़ौदा के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आज कई जगहों पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान एक बैंक प्रबंधक के घर से मामले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। यह ध्यान रहे कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले इस निकाय के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री स्वयं है।

सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक सीबीआई ने पिछले दिनों डीयूएसआईबीबी के कार्यालय पर उसके विजिलेंस विभाग के साथ मिलकर सर अधिसूचना चेक किया था। इस जाँच के दौरान सीबीआई के अधिकारियों और विजिलेंस अधिकारियों के ऐसे दस्तावेज बरामद हए थे, जिनसे यह पता चलता था कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड द्वारा वर्ष 2020 और 2021 के दौरान डीयूएसआईबीबी ने एफडीआर में निवेश करने का उद्देश्य – सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया डेवलपमेंट कुटीर नया दिल्ली से बांकौड़ा पहाड़गंज शाखा को मनीके के ट्रांसफर किए गए थे।

आरोप है कि बैंक ऑफ बड़ौदा के अज्ञात अधिकारियों के साथ मिलकर डीयूएसआईबी के अज्ञात अधिकारियों ने मिलकर आपराधिक साजिश रचा और लगभग 207 करोड़ रुपये की राशि मूल एफडीआर जारी करने की जगह उक्त धनराशि एक निजी फर्म के नाम पर एक खाते में भेज दी है।

यह भी आरोप है कि डीयूएसआईबी को जो एफडीआर दी गई वह कुल 112 थी, लेकिन जांच के दौरान पाया गया कि उनमें से केवल 3 एफडीआर जो करीब 6 करोड़ रुपये से ज्यादा था, वही समकालीन एफडीआर के कागजों पर प्रिंट की गई थी। बाकी की 109 एफडीआर सामान्य कागज पर की गई थी। अमूमन यह देखा जाता है कि एफडीआर का कागज सामान्य कागजात से थोड़ा अलग होता है। लेकिन ये एफडीआर की तरफ से सटकर अज्ञात अधिकारियों द्वारा लापरवाही जताई गई और उन्हें असली एफडीआर के तौर पर ले लिया गया।

इन 109 एफडीआर के जाली होने का संदेह है। सीबीआई ने इस मामले में डीयूएसआईबी बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यालय और बैंक मैनेजर के आवास की तलाशी ली। तलाशी के दौरान बैंक प्रबंधक परिसर से जाली / नकली एफडीआर से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सीबीआई को शक है कि इस मामले में दोनों सरकारी विभागों के कई अधिकारियों की भूमिका हो सकती है। साथ ही इस मामले में मुख्य फर्म की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। वर्तमान में मामले की जांच जारी है।

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