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दिल्ली: संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जानें निजी और सरकारी अस्पतालों में कितने वेंटिलेटर और ICU बेड हैं उपलब्ध

दिल्ली: संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जानें निजी और सरकारी अस्पतालों में कितने वेंटिलेटर और ICU बेड हैं उपलब्ध

by Sneha Shukla

देश के कई राज्यों की तरह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोरोना एक बार फिर बेकाबू हो चुका है। बीते दिन दिल्ली में कोरोना संक्रमण के नए मामलों की संख्या 10 हजार रोजाना का आंकड़ा पार कर गया। ऐसी चिंताजन्य स्थिति में राजधानी के प्राथमिक और सरकारी अस्पतालों में आईसीयू और वेंटिलेटर बेड्स की क्या स्थिति है। आइए जानते हैं।

54.36 प्रतिशत बेड पर मरीज भर्ती हैं

बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच रविवार को शाम पांच बजे दिल्ली सरकार के एप के मुताबिक सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोनाफार्म मरीजों के लिए सामान्य बेड्स की कुल संख्या 11,727 रही जबकि 5,363 बेड खाली हैं। इसका मतलब अस्पतालों में अभी तक कुल उपलब्ध बेड में से 54.36 प्रतिशत बेड पर रोगी भर्ती हैं।

इनमें वेंटिलेटर और ICU बेड्स की उपलब्धता है

राजधानी के अस्पतालों में कोरोना रोगियों के लिए कुल 1,153 वेंटिलेटर बेड्स अवेलेबल हैं। इनमें से 307 बेड खाली हैं। वहीं कोरोना टाइपों के लिए कुल 1,852 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। इनमें से सिर्फ 511 आईसीयू बेड ही खाली हैं। जिसका मतलब है कि कुल अवेलेबल बेड में से 72.4 प्रतिशत बेड मरीजों से भरे हुए हैं। हालांकि, राजधानी दिल्ली के प्राथमिक और सरकारी अस्पतालों में को विभाजित -19 मरीजों के लिए कुल बिस्तर की संख्या 11,727 है, जिसमें से 5,363 बिस्तर खाली हैं। इसका मतलब है कि कुल बिस्तर का 54.36 प्रति हिस्सा उपलब्ध है।

कई अस्पतालों में वेंटिलेटर और आईसीयू बेड की संख्या शून्य हुई

वहीं जानकर हैरानी होगी कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली कोरोना एप के अनुसार रविवार शाम के पांच बजे तक दिल्ली सरकार के 3 बड़े और केंद्र सरकार के 4 सरकारी अस्पतालों में सभी बिस्तर और वेंटिलेटर बेड भर गए। इतना ही नहीं दिल्ली के 44 निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या जीरो हो गई। 25 बड़े अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर अवेलेबल नहीं है। दिल्ली के 2 सरकारी और 50 प्राथमिक अस्पतालों में एक भी आईसीयू बिस्तर उपलब्ध नहीं है। राजधानी में 25 बड़े प्राथमिक अस्पताल हैं जहां आईसीयू बेड्स की संख्या शून्य है।

राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, एम्स ट्रॉमा सेंटर, बरारी अस्पताल, बेस अस्पताल दिल्ली कैंट, दीप चंद बंधु अस्पताल, उत्तर रेलवे अस्पताल दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के प्रमुख अस्पतालों में से एक हैं, जहां वेंटिलेटर वाला एक आईसीयू बिस्तर खाली नहीं है।

अस्पताल प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं- अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, “हम पूरी तरह से अस्पताल प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में, कुछ लोग मेरे पास यह संदेश लेकर आए थे कि कोई भी बिस्तर किसी का भी है। अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जहां बिस्तर हैं, वहां मरीजों को सीधा ले जाओ। मेरी अपील है कि सभी को ऐप डाउनलोड करना चाहिए।

दिल्ली में बीते दिन 10 हजार से ज्यादा आए अंतर के मामले में

वहीं हकीकत ये है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर केजरीवाल सरकार की तरफ से उठाए गए तमाम कदमों के बावजूद रविवार को कोरोना के रिकॉर्ड 10 हजार 774 नए मामले सामने आए जबकि 48 लोगों की जान चली गई। इसके बाद दिल्ली में कोरोना के कुल मामले 7 लाख 25 हजार 197 हो गए। हालांकि, पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना से 5158 लोग ठीक भी हुए हैं।

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