️️ प्रमुख️ हाईकोर्ट️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️
अपडेट होने के बाद मौसम में ऐसा होता है। हाईकोर्ट ने केंद्र से यह भी पूछा कि टोसिलिजुमाब की मांग को कम करने के लिए कॉकटेल की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी।
भारत में टोसिलिजुमाब की सप्लाई करने वाली रोचे इंडिया ने अदालत को बताया कि वह केवल दवा सप्लाई करने की कोशिश कर सकती है और इसके लिए बाजार की मांग पूरी करने का आश्वासन नहीं दे सकती, जबकि मरीज इसकी कीमत देने के लिए तैयार हैं। न्याय निर्णय न्यायाधीश एम सिंह ने सरकार से इस सवाल का जवाब दिया।
ने कहा कि रोचे नें निर्देशों रोचे ने टोसिलिजुमाब की सप्लाई न करा पाने के लिए एक अन्य कारण यह बताई कि कैसिरिविमैतब और इम्डेविमब दवा का उपचार कॉकटेल को विभाजित -19 के मरीजों के इलाज के लिए बेहतर हो सकता है।
दवा कंपनी ने हाईकोर्ट को बताया कि अब उसका ध्यान कॉकटेल की आपूर्ति करने पर है और मई के अंत तक भारत को 1,00,000 दवाओं के भेजने की संभावना है। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि वह इस दवा कंपनी या इसके वैश्विक उत्पादकों से दवा कैसे हासिल करेगी। यह भी जितनी भी किरणें जितनी भी होंगी उतनी ही देर में आने वाले समय तक आने वाले समय की प्रतीक्षा करेंगी। उत्तर से स्थिति पर 27 मई को प्रश्न पूछने के लिए प्रश्न पूछने के लिए एक हल्लफनामा के सवालों का जवाब देना होगा।
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