दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में आरोपी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद को केवल इस बात के लिए जेल में कैद करके नहीं रखा जा सकता है कि भीड़ में अन्य लोगों की पहचान की जाए और उन्हें मामले में गिरफ्तार किया जाए।
उमर खालिद पर इन दंगों की कंप्यूटिंग रचने का आरोप है। पुलिस ने कहा था कि दंगों से पहले 8 जनवरी 2020 को खालिद ने ताहिर हुसैन व अन्य से शाहीन बाग इलाके में मुलाकात कर दंगों की खेती रची। इसके लिए पहले से तैयार रहने की योजना भी बनाई गई। दिल्ली पुलिस ने खालिद को हिंसा की साजिश में सक्रिय भूमिका निभाने के आरोप में आतंकवाद निरोध कानून (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया।
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा: दिल्ली कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद (फाइल पिक में) को जमानत दी। कोर्ट ने नोट किया कि उसे केवल इस बात के लिए जेल में कैद करने के लिए नहीं बनाया जा सकता है कि भीड़ में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जाए और उन्हें मामले में गिरफ्तार किया जाए। pic.twitter.com/Tg7Tcu2hrJ
– एएनआई (@ANI) 15 अप्रैल, 2021
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दिल्ली दंगे में 53 लोगों की मौत हुई थी
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद पिछले साल 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, सतपुरा, यमुना विहार इलाकों में साम्प्रदायिक समुदाय डांगे भड़क गए थे। इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्तियों अधिकारियों को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने कुछ स्कूलों में मकानों, दुकानों, वाहनों सहित, एक पेट्रोल पाइप को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों और पुलिस कर्मियों पर पथराव किया गया था।
इस दौरान नाराज के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी 2020 को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और पीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। साथ ही आईबी अफसरित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।
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