भारत विश्व के बम में कोरोनाइरस की तबाही देखने को मिल रही है। असल में यह भी सच है कि भारत में सबसे अधिक विशेषज्ञ होते हैं। ये सबके बीच भारत सहित कई देशों में कोरोना को हराने के लिए टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि, कोरोना से जंग के खिलाफ टीकाकरण की रफ्तार अब बहुत धीमी है और आसानी से सबके लिए उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर को विभाजित -19 रोधी टीके दुनिया में आसानी से कब उपलब्ध होंगे? विशेषज्ञ का कहना है कि 2023 या बाद में कुछ निश्चित में ऐसा क्यों होगा।
अमेरिका, इजराइल और ब्रिटेन उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी आधी या इससे ज्यादा आबादी को कम से कम एक खुराक मुहैया करा दी है। दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और वेनेजुएला जैसे कुछ देशों में एक प्रतिशत से भी कम आबादी का टीकाकरण हुआ है। वहीं, अफ्रीका में 12 देशों को टीके की खुराक नहीं मिली है। बता दें कि भारत में अब तक 18 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।
टीके की स्थिति बेहतर है। इसमें खरीदारी की क्षमता, देश में केक निर्माण की क्षमता, कच्चे माल तक पहुंच और वैश्विक बौद्धिक संपदा कानून शामिल हैं। अमेरिका ने टीके पर मार्गदर्शन छोड़ने का समर्थन किया है। लेकिन, यह स्पष्ट नहीं है कि इस मुद्दे पर दुनिया के देशों में कब सहमति बन पाएगी और ऐसा होता है तोके निर्माण को कब गति मिलेगी।
पर्यावरण के स्तर पर खराब होने के कारण खराब हो सकता है। विश्वविद्यालय शोधकर्ताओं ड्यूक र्ज️️️️️️️️️️️️️️️️️️❤️️️️️️️️️️️️ कि️️ ।
संबंधित खबरें
।
Homepage | Click Hear |