एक ओर जहां देश में कोरोना बेकाबू तूफान के साथ फैल रहा है, तो वहीं महाराष्ट्र-शासन के बाद देश के एक अन्य राज्य ओडिशा ने कहा कि उसके पास पर्याप्त वैक्सीन लोगों को लगाने के लिए नहीं है। ओडिशा के कोविड -19 वैक्सीनेशन इंचार्ज विजय जलगढ़ी ने शुक्रवार को कहा- ‘हमारे पास वैक्सीन कम पड़ गई है।’
उन्होंने कहा- हमारे पास पर्याप्त वैक्सीन का स्टॉक नहीं है, इसलिए हम राज्यभर के 1500 वैक्सीनेशन सेंटर पर लोगों का टीका लगा सकते हैं। इस स्टॉक की बदौलत में हम सिर्फ 700 वैक्सीनेशन सेंटर पर ही लोगों को कोरोना का टीका लगा सकते हैं।
हम टीके कम चला रहे हैं। हमारे पास ओडिशा के सभी 1,500 टीकाकरण स्थलों को चलाने के लिए पर्याप्त स्टॉक नहीं है। इस स्टॉक के साथ, केवल 700 टीकाकरण साइटों को संचालित करना संभव है: बिजय पाणिग्रही, कोविद -19 टीकाकरण प्रभारी, ओडिशा pic.twitter.com/9KJvOIBbM9
– एएनआई (@ANI) 16 अप्रैल, 2021
18 साल से ऊपर के लोगों को कोक के लिए याचिका
कोरोनाकैनीकरण अभियान के तहत देशभर में 45 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक जनहित याचिका दायर हुई है जिसमें 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीका लगाए जाने की मांग की गई है। इससे पहले भी कई राजनीतिक समूहीकरण के लिए उम्र सीमा कम करने की मांग कर चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका एडवोकेट रश्मि सिंह ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर को ओवर में करने के लिए सभी युवा और कामकाजी लोगों का व्यापक टीकाकरण आवश्यक है। तर्क देते हुए याचिका में कहा गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज दिए जाने के बीच पहले ही छह से आठ सप्ताह का समय लगता है। ऐसे में वैक्सीन जब तक 18 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों तक पहुंचेगी, तब तक कोरोनावायरस तेजी से फैल चुका होगा और स्थिति बेहद खराब हो गई होगी।
याचिका में कहा गया है कि भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) सहित कई विशेषज्ञों ने कोरोनाकैनीकरण को बढ़ाने की मांग की है। कुछ विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि भारत को स्थिति से निपटने के लिए कम से कम 10 मिलियन खुराक रोजाना लगाने की जरूरत है।
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