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केपी शर्मा ओली

नई सरकार: नेपाल कांग्रेस करेगी अगली सरकार बनाने का दावा

by Sneha Shukla

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नेपाल के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने प्रधानमंत्री पद पर दावा पेश करने का फैसला किया है। इससे पहले राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी ने ओली सरकार के विश्वास मत हारने के बाद सियासी दलों से बृहस्पतिवार तक नई सरकार का गठन करने को कहा था क्योंकि के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली पार्टी विश्वास मत हार चुकी है।

एनसी पदाधिकारियों की बैठक में अगली सरकार बनाने पर फैसला किया गया है। शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली पार्टी को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी माओइस्ट सेंटर (सीपीएन-सुश्री) का समर्थन हासिल है और उसे उम्मीद है कि जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपीएन) के सांसद भी उसकी हिमायत करेंगे।

‘द हिमालयन टाइम्स’ की खबर के मुताबिक, एनसी ने सीपीएन-यूएमएल के माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खलाल के नेतृत्व वाले धड़े के सांसदों से सरकार बनाने में मदद करने की उम्मीद भी जताई है।

खबर के मुताबिक, 271 सदस्यीय सचिविसभा में एनसी के पास 61 सदस्य हैं जबकि सीपीएन-सुश्री के 49 सदस्य हैं। पार्टी को अपने नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने के लिए 26 और सांसदों की जरूरत पड़ेगी। जेएसपी-एन के 32 सदस्य सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

प्रचंड ने एनसी को आश्वासन दिया
राष्ट्रीय कांग्रेस (एनसी) के संयुक्त सचिव प्रकाश शरण महत ने एक बैठक के बाद कहा, जेएसपी-एन मुद्दे पर बंटी हुई।]हम उम्मीद करते हैं कि जेएसपी-एन बृहस्पतिवार की समय सीमा तक सरकार का गठन हमें समर्थन करेगा।

उन्होंने कहा कि सीपीएन-सुश्री की अगुवाई करने वाले पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने पार्टी को आश्वस्त किया है कि एनसी के नेतृत्व में अगली सरकार बनाने के लिए वह समर्थन करेंगे।

विपक्ष ने कहा कि ओली के पास मौका है
‘काठमांडू पोस्ट’ के मुताबिक, यदि सदन अनुच्छेद 76 (2) के तहत सरकार बनाने में नाकाम रहता है या इस प्रावधान के तहत नियुक्त प्रधानमंत्री 30 दिन में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाते हैं तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 76 (3) लागू कर सकते हैं। ।

उस स्थिति में ओली एक बार फिर सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं और उन्हें 30 दिन में विश्वास मत जीतना होगा। इस तरह ओली के पास मौका आ सकता है।

विस्तार

नेपाल के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने प्रधानमंत्री पद पर दावा पेश करने का फैसला किया है। इससे पहले राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी ने ओली सरकार के विश्वास मत हारने के बाद सियासी दलों से बृहस्पतिवार तक नई सरकार का गठन करने को कहा था क्योंकि के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली पार्टी विश्वास मत हार चुकी है।

एनसी पदाधिकारियों की बैठक में अगली सरकार बनाने पर फैसला किया गया है। शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली पार्टी को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी माओइस्ट सेंटर (सीपीएन-सुश्री) का समर्थन हासिल है और उसे उम्मीद है कि जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपीएन) के सांसद भी उसकी हिमायत करेंगे।

‘द हिमालयन टाइम्स’ की खबर के मुताबिक, एनसी ने सीपीएन-यूएमएल के माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खलाल के नेतृत्व वाले धड़े के सांसदों से सरकार बनाने में मदद करने की उम्मीद भी जताई है।

खबर के मुताबिक, 271 सदस्यीय सदस्यों केभासा में एनसी के पास 61 सदस्य हैं जबकि सीपीएन-सुश्री के 49 सदस्य हैं। पार्टी को अपने नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने के लिए 26 और सांसदों की जरूरत पड़ेगी। जेएसपी-एन के 32 सदस्य सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

प्रचंड ने एनसी को आश्वासन दिया

राष्ट्रीय कांग्रेस (एनसी) के संयुक्त सचिव प्रकाश शरण महत ने एक बैठक के बाद कहा, जेएसपी-एन मुद्दे पर बंटी हुई।]हम उम्मीद करते हैं कि जेएसपी-एन बृहस्पतिवार की समय सीमा तक सरकार का गठन हमें समर्थन करेगा।

उन्होंने कहा कि सीपीएन-सुश्री की अगुवाई करने वाले पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने पार्टी को आश्वस्त किया है कि एनसी के नेतृत्व में अगली सरकार बनाने के लिए वह समर्थन करेंगे।

विपक्ष ने कहा कि ओली के पास मौका है

‘काठमांडू पोस्ट’ के मुताबिक, यदि सदन अनुच्छेद 76 (2) के तहत सरकार बनाने में नाकाम रहता है या इस प्रावधान के तहत नियुक्त प्रधानमंत्री 30 दिन में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाते हैं तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 76 (3) लागू कर सकते हैं। ।

उस स्थिति में ओली एक बार फिर सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं और उन्हें 30 दिन में विश्वास मत जीतना होगा। इस तरह ओली के पास मौका आ सकता है।

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