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पुदुचेरी: BJP पर चुनाव प्रचार में 'आधार डेटा' के इस्तेमाल का आरोप, HC ने कहा- ये गंभीर मामला, UIDAI और EC करे जांच

पुदुचेरी: BJP पर चुनाव प्रचार में ‘आधार डेटा’ के इस्तेमाल का आरोप, HC ने कहा- ये गंभीर मामला, UIDAI और EC करे जांच

by Sneha Shukla

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चेन्नई: पुदुचेरी में स्थानीय मतदाताओं के मोबाइल नंबर इकट्ठा करने के मामले में बीजेपी की पुदुचेरी यूनिट के जवाब से असंतुष्ट मद्रास हाई कोर्ट ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और चुनाव आयोग से मामले की जांच करने को कहा। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफएफआई) की पुदुचेरी इकाई के अध्यक्ष ए आनंद की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की बेंच ने सुनवाई की।

अदालत ने कहा कि यूआईडीएआई को मामले को रफा-दफा करने का प्रयास बिना गोपनीयता के बनाए रखने में उल्लंघन के मामलों पर गर्व करना चाहिए। कोर्ट ने यूआईडीएआई से जवाब मांगा है कि आखिर आधार लिस्ट मोबाइल नंबर बीजेपी के हाथ कैसे लगे?

अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग को मुद्दा को बिना किसी रुकावट के आचार संहिता के उल्लंघन के तौर पर लेना चाहिए और पार्टी के खिलाफ अलग से आपराधिक जांच करनी चाहिए। कोर्ट ने चुनाव आयोग को उनकी जिम्मेदारियों को याद दिलाया। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग वोटर्स की गोपनीयता की रक्षा के लिए एक संवैधानिक संस्था है।

अदालत ने बीजेपी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। उधर इलेक्शन कमीशन की ओर से यह दलील दी गई कि आरोप लगाने से चुनाव को स्थगित नहीं किया जा सकता है।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने यूआईडीएआई से मोबाइल नंबर हासिल किया और लक्षित प्रचार के लिए अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के वाट्सएप ग्रुप तैयार किए। याचिकाकर्ता ने कहा कि चुनाव आयोग से जरूरी मंजूरी के बिना प्रचार के लिए यह तरीका अपनाकर अनुचित राजनीतिक लाभ उठाने के अलावा नागरिकों की निजता का बहुत बड़ा उल्लंघन हुआ है।

कोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा कि बीजेपी ने आधार कार्ड के जरिए अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए अनुचित लाभ उठाने की कोशिश की है और साथ ही वोटर्स की निजता को भी स्पष्ट करने का यह गंभीर मामला है। ऐसे में इस मामले को नजरअंदाज कतई नहीं किया जा सकता है। हालांकि कोर्ट में पार्टी ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने डोर टू डोर कैंपेनिंग कर मोबाइल नंबर इकट्ठा किए हैं। कोर्ट ने पार्टी की इस दलील को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया।

बेंच ने कहा कि मामले का यह व्यापक पहलू राजनीति के शोर-शराबे में नष्ट नहीं होना चाहिए। छह महीने के बाद आने वाले मुकदमों पर सुनवाई होगी। आपको बता दें कि 6 अप्रैल को TN और केरल के साथ पुडुचेरी में भी चुनाव होने हैं।

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