Home » पेटेंट कानून क्या है? इसकी वजह से दुनिया में वैक्सीन उत्पादन पर क्या असर पड़ रहा था? जानिए
पेटेंट कानून क्या है? इसकी वजह से दुनिया में वैक्सीन उत्पादन पर क्या असर पड़ रहा था? जानिए

पेटेंट कानून क्या है? इसकी वजह से दुनिया में वैक्सीन उत्पादन पर क्या असर पड़ रहा था? जानिए

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;">
वैश्विक संकट कोरोना महामारी से छुटकारा पाने के लिए दुनिया बेचैन है। अब तक कोरोना का कोई भी प्रभावी इलाज सामने नहीं आया है। इसलिए वैक्सीन ही इस महामारी से तत्काल बचने का एकमात्र तरीका है। लेकिन दुनिया को जितना वैक्सीन की जरूरत है, उस हिसाब से वैक्सीन का उत्पादन हो नहीं पा रहा है। इसका सीधा कारण है कि वैक्सीन बनाने की तकनीक हर देशों को नहीं है। इसके अलावा जिन कंपनियों के पास यह तकनीकी है, वह इस प्रोडक्ट का पेटेंट करा लेती है जिससे कोई अन्य कंपनियां वैसी वैक्सीन नहीं ले सकती हैं। चूंकि जिन कंपनियों के पास इसका पेटेंट हासिल कर लिया गया है, उनके पास जरूरत के हिसाब से उत्पादन की क्षमता नहीं है। यही कारण है कि डिमांड के मुकाबले सप्लाई बहुत कम है और दुनिया भर में वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार कम है।

पेटेंट कानून क्या है
वास्तव में एक आंतरिक कानून है। इस कानून के तहत अगर कोई कंपनी सबसे पहले कोई यूनिक प्रोडक्ट बनाती है और वह चाहती है कि इस प्रोडक्ट की तकनीक अन्य किसी कंपनी के पास नहीं हो, तो वह डब्ल्यूटीओ में इसके पेटेंट के लिए आवेदन करता है।

WTO की जांच में यदि यह साबित हो जाता है कि प्रोडक्ट इससे पहले कहीं नहीं बना है और इसकी तकनीकी यूनिक है तो उस कंपनी को पेटेंट का अधिकार दे देता है। इसका सीधा मतलब यह हुआ है कि अभी तक केवल वही कंपनियां वैक्सीन बना सकती हैं, जो लंबे समय से इस तरह की वैक्सीन या दवाई बनाती आ रही हैं,

इनके अलावा & nbsp; कोई भी और कंपनी इसमें हाथ आजमा नहीं सकती। यही कारण है कि दुनिया में इस वक्त लिंगित कंपनियों के हाथ में ही वैक्सीन का प्रोडक्शन है। लेकिन अगर ये हट जाता है तो कोई भी फार्मा कंपनी वैक्सीन का निर्माण कर सकती है, बस उन्हें वैक्सीन के फॉर्मूले और जरूरी सिम, पावर की जरूरत होगी। & nbsp; & nbsp;

भारत की पेटेंट मुक्त मांग का अमेरिका ने किया समर्थन
कोरोना महामारी को देखते हुए भारत ने हाल ही में पेटेंट जैसे मुश्किल कानून को खत्म करने की मांग की थी ताकि वैक्सीन को कई कंपनियों को संभव बनाया जा सके। और हर किसी को जल्द ही जल्द वैक्सीन लग सकती है। अमेरिका ने भारत के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। अगर डब्ल्यूटीओ में यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो दुनिया भर में वैक्सीन बनाना आसान हो जाएगा। बड़ी कंपनियों की छोटी-छोटी कंपनियों को वैक्सीन बनाने की तकनीक देकर तेजी से वैक्सीन बना सकती है। & nbsp;

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment