[ad_1]
पेट्रोल-डीजल की आसमान छूने वाली कीमतों से लोग परेशान हैं। देश के कुछ हिस्सों में पेट्रोल की कीमत जहां 100 रुपये के पार है तो वहीं दूसरी तरफ डीजल की कीमत 90 के पार जा चुकी है। ऐसी स्थिति में आम जनता के बीच यह सवाल लगातार उठ रहा है कि आखिर कब तक उन्हें ईंधन की इन बढ़ी कीमतों से राहत मिल पाएगी। और ऐसा हो भी या नहीं? केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा टीवी पर मंगलवार को वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देने के दौरान केंद्र की तरफ से स्थिति स्पष्ट की।
निर्मला सीतारमण ने कहा- “जहां तक पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स का सवाल है तो जो केंद्र और राज्य, दोनों टैक्स लगाते हैं …. जो टैक्स केंद्र सरकार लेती है उसमें राज्य सरकारों का भी हिस्सा होता है।” केंद्रीय वित्त मंत्री ने आगे कहा- “अगर राज्य सरकारें पसंद करती हैं तो अगली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर (पेट्रोल डीजल को जीएसटी में शामिल करने पर) चर्चा हो सकती है।”
निचले सदन में निर्मला ने आगे कहा- एक सदस्य ने यह मुद्दा उठाया कि गैसोलीन और डीजल को जीएसटी दायरे में लाया जाएगा। सबसे ज्यादा आज पेट्रोल-डीजल पर टैक्स महाराष्ट्र में है। मैं किसी एक राज्य में बहुत या कम कर पर ऊँठ नहीं उठा रहा हूँ। मूल मुद्दा ये है कि तेल पर सिर्फ केंद्र का ही नहीं बल्कि राज्य का भी टैक्स है।
इंडियन ऑयल के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत 23 मार्च यानी मंगलवार को 91 रुपये 17 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 81 रुपये 47 रुपये प्रति लीटर है। गौरतलब है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार पर भारी दबाव है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार की तरफ से इसको लेकर कई बार स्थिति साफ की जा चुकी है।
ये भी पढ़ें: बैंकों के निजीकरण पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान, नौकरी को लेकर कही ये बात
।
[ad_2]
Source link
Homepage | Click Hear |