फ्रांस ने भारत में फैले कोरोनावायरस के स्वरूप वाला पहला मामला सामने आने की पुष्टि की है। फ्रांस में वायरस के नए स्वरूप का मामला ऐसा तब आया है जब राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने देश में अर्थव्यवस्था को फिर से गति देने को लेकर छह महीने की पाबंदी के बाद चरणबद्ध तरीके से कुछ गतिविधियों को इजाजत के लिए राष्ट्रीय योजना का जिक्र किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार की रात कहा कि दक्षिणी फ्रांस के बचेस डू रोने और लोत एत ग्रेने क्षेत्र में तीन लोगों के वायरस के नए स्वरूप से संवेदनशील होने की पुष्टि हुई है। तीनों लोगों ने पिछले दिनों भारत की यात्रा की थी। मंत्रालय ने कहा कि चेतों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। फ्रांस ने भारत और संक्रमण के प्रसार वाले अन्य देशों से आने वाले लोगों के संबंध में पिछले सप्ताह नियंत्रण की घोषणा की थी।
भारत की सहायता के लिए फ्रांस भी आगे आया
दुनिया के कई देश भारत की मदद के लिए आगे आए हैं। फ्रांस भी भारत को मेडिकल उपकरण देकर मदद करने की बात कही है। फ्रांस सरकार ने रविवार को देर से कहा कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने देश के यूरोपीय मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वे कोरोनावायरस महामारी के संकट से निपटने के लिए भारत के साथ एकजुटता के अभियान चलाएं हैं। इसके लिए भारत में फ्रांस में दूतावास का सहयोग लें।
ऑक्सीजन और वेटिनेटर भेजा जाएगा
फ्रांसीसी मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 8 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स, लिक्विड ऑक्सीजन के कंटेनर, 28 वेंटिलेटर सहित विशेष मेडिकल उपकरण और 200 इलेक्ट्रिक सिरिंज पंप हवाई और समुद्री मार्ग के जरिए पहुंचेंगे। 8 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स 250 बेड को सालभर ऑक्सीजन सप्लाई कर सकते हैं। फ्रांस ने ऐसे समय में भारत के सपोर्ट का आह्वान किया है जब भारत अस्पतालों में ऑक्सीजन का गंभीर संक्रमण हो रहा है।
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