<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> कोलकाता: चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में कोरोना के नए मामलों में बेतहाशा बढ़ा हो रही है। इस बीच यह मांग उठ रही है कि बंगाल में बाकी के चार चरणों के लिए होने वाली वोटिंग को एक चरण में किया जाए। इस बीच चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि ऐसी कोई योजना नहीं है
बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना नियमों का पालन रखने को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में बाकी चार चरणों के लिए चुनाव प्रचार के दौरान सामाजिक दूरी और को विभाजित -19 से जुड़े विभिन्न नियमों के पालन को लेकर चर्चा की जाएगी।
बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया था कि कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के प्रचार के संबंध में स्वास्थ्य संबंधी सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> चीफ जस्टिस टी बी एन राधाकृष्णन की पीठ ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सभी जिला प्राधिकरणों को आदेश दिया था कि वे निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
बुधवार को पश्चिम बंगाल में 5,892 लोग कोरोनावायरस से पीड़ित हुए। इससे पहले मंगलवार को राज्य में 4817 और सोमवार को 4511 कोरोना के नए मामले की पुष्टि हुई थी।
पश्चिम बंगाल में पहले चरण के तहत पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल को, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल को और चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल को वोट डाले गए थे।
अब पांच चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर चुनाव होंगे। पर 29 अप्रैल को मतदान होगा। वोटों की गिनती दो मई को होगी।
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