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बहन की मौत पर भावुक हुए मुकेश खन्ना, बोले- दिल्ली में अस्पताल में बेड मिलना है बेहद मुश्किल

बहन की मौत पर भावुक हुए मुकेश खन्ना, बोले- दिल्ली में अस्पताल में बेड मिलना है बेहद मुश्किल

by Sneha Shukla

टीवी की दुनिया के ‘शक्तिमान’ यानी मुकेश खन्ना की दिल्ली में रहने वाली बड़ी बहन कोमल कपूर कोरोना से पीड़ित थे और इलाज के लिए दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती थे। 73 वर्षीय कोमल कपूर कोरोना से ठीक भी हो गए थे, लेकिन कोरोना से जुड़ी जटिलताओं के कारण बुधवार की रात उनका निधन हो गया। अब मुकेश खन्ना ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत करते हुए बताया कि आखिर कोरोना से ठीक होने के बाद भी उनकी बड़ी बहन को उनकी जान गंवानी पड़ी।

मुकेश खन्ना ने बेहद भावुक होते हुए एबीपी न्यूज से कहा, ‘कोरोना मरीजों को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करना बेहद मुश्किल काम है। मेरी कोरोना पॉजिटिव बहन को अस्पताल में दाखिला दिलाना भी आसान काम नहीं था। दिल्ली और आसपास के तमाम बड़े अस्पतालों में भर्ती कराने की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हुईं। अस्पतालों में बिस्तर नहीं होने के कारण उन्हें दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां कई दिनों के इलाज के बाद उन्होंने कोरोना को मां दे दी थी। ‘

मुकेश कहते हैं, ‘कोरोना से ठीक होने के बाद अस्पताल ने कहा कि बीमार बहन के फेफड़े में हुए कंजेशन और संक्रमण का यहां ठीक से इलाज नहीं हो सकता है और परिवार अगर बहन को किसी और अस्पताल में दाखिल कराए तो बेहतर होगा। ऐसे में एक बार फिर से बहन के लिए अच्छा अस्पताल ढूंढने की कवायद शुरू हुई। लेकिन कुछ अस्पतालों में जहां बिस्तर मिल रहे थे, वे ऑक्सीजन रहित बिस्तर थे। ऐसे में तीन दिनों तक उन्हें दूसरे अस्पताल में ऑक्सीजन बेड वाले अच्छे अस्पताल में शिफ्ट बनाने की कोशिश होती रही और इस दौरान उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार कम होता चला गया और उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। अस्पताल घूमने की नाकाम कोशिशों के दौरान बहन भी अपना धैर्य खो बैठी थीं। ‘

मुकेश खन्ना ने कहा कि किस अस्पताल में उनकी बहन को कोरोना के इलाज के लिए दाखिल कराया गया, उसका नाम इस वक्त था क्योंकि उन्हें याद नहीं किया जा रहा है। वे बताते हैं, ‘एक अस्पताल में ऑक्सीजन बिस्तर मिलने का फोन परिवारवालों को तब आया जब उनकी बहन की मौत हो गई थी।’

मुकेश खन्ना कहते हैं, ‘अगर सही समय पर बहन को अच्छे अस्पताल में दाखिला मिल जाता है तो मेरी बहन की जान बच जाती है। मुझे यहां बैठकर इस बात का अंदाजा नहीं था कि कोरोना के इस दौर में दिल्ली में अस्पतालों में किसी मरीज को भर्ती करना इतना मुश्किल काम है, वर्ना मैं अपनी बहन को मुंबई लाकर यहां के किसी अस्पताल में इलाज कराने के लिए। ऐसा नहीं करने का नहीं हमेशा हमेशा रहेगा। ‘

मुकेश खन्ना ने अपनी बहन की मौत पर जोर जाहिर करते हुए इससे पहले सोशल मीडिया पर लिखा, ‘काफी मर्माहत हूं। हम सब सकते में आ गए हैं। 12 दिन में कोविड को हराने के बाद लंग्स कंजेशन से वो हार गई। पता नहीं ऊपरवाला क्या हिसाब-किताब कर रहा है। सचमुच मैं पहली बार जीवन में हिल गया हूं। ‘

उल्लेखनीय है कि मुकेश खन्ना के बड़े भाई दिवगंत सतीश खन्ना भी पिछले दिनों से कोरोना से जूझ रहे थे। कोरोनाथ निगेटिव होने के कुछ दिनों बाद पिछले महीने मुंबई स्थित घर में भी उन्हें हार्ट अटैक आया था और उन्होंने अपने बेटे के गोद में आखिरी सांस ली थी।

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