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बिना इजाजत लक्षद्वीप के पास अमेरिकी नौसेना ने किया युद्धाभ्यास, विदेश मंत्रालय ने जताई चिंता

बिना इजाजत लक्षद्वीप के पास अमेरिकी नौसेना ने किया युद्धाभ्यास, विदेश मंत्रालय ने जताई चिंता

by Sneha Shukla

नई दिल्ली: अमेरिकी नौसेना ने भारत की इजाजत के बगैर भारतीय समुद्री क्षेत्र में पेट्रोलिंग कर भारत को चौंका दिया है। अमेरिकी नौसेना की सेवेंथ फलीट यानी 7 वेंंगी बडे़ ने न केवल लक्षद्वीप के करीब नेविगेशन ऑपरेशन किया बल्कि आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि भारत की इजाजत के बगैर ऐसा किया जा रहा है क्योंकि भारतीय कानून अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानूनों के खिलाफ है।

अमेरिकी नौसेना के 7 वेंगंगी बेड़े ने बयान जारी कर कहा, ‘यूएसएस जॉन पॉल जोन्स (डीडीजी 53) युद्धपोत ने भारत के एक्सक्लूजिव इकोनोमिक जोन (ईईजेड) यानी विशेष आर्थिक क्षेत्र के अंदर लक्ष्मीपद द्वीप समूह के लगभग 130 समुद्री मील पश्चिम में भारत के सहमति के साथ स्वतंत्र बिना अंतर्राष्ट्रीय कानून के बिना स्वतंत्र रूप से नेविगेशन अधिकार का पालन किया गया। ‘ बयान में कहा गया कि भारत को अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र या महाद्वीप में किसी दूसरे देश की नौसेना के जरिए युद्धाभ्यास के लिए पूर्व सहमति की आवश्यकता है लेकिन यह दावा अंतर्राष्ट्रीय कानून के विपरीत है। हालांकि अमेरिकी नौसेना के जरिए नेविगेशन ऑपरेशन की स्वतंत्रता से भारत के अत्यधिक समुद्री दावों को चुनौती देकर अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप समुद्र के अधिकारों, स्वतंत्रता और कानूनी उपयोगों को बरकरार रखा गया है।

बता दें कि भारतीय समुद्री कानूनों के तहत समुद्र तट से समंदर में 200 नॉटिकल मील तक भारत का एसईजेड़ क्षेत्र है। यहाँ किसी भी नौसेना के युद्धपोत को आने से पहले भारतीय नौसेना से इजाजतें होती है। कई बार चीन के युद्धपोत यहां आने की कोशिश करते हैं तो भारतीय युद्धपोत उन्हें यहां से खदेड़ देते हैं। लेकिन अमेरिका के सेवेंथ फलीट के भारत के एसईजेड में नेविगेशन पर अभी तक भारतीय नौसेना की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

भारत-अमेरिका संबंध

अमेरिका के 7 वेंंगी बडे ने ये नेविगेशन ऐसे समय में किया है जब भारत और अमेरिका के संबंध बेहद मजबूत हो रहे हैं। दोनों ने ही चीन के खिलाफ जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर क्वाड का गठन किया है। चारों देशों की नौसेनाएं एक साथ मिलकर मालाबार एक्सरसाइज में भाग लेती हैं। इसी सप्ताह (5-8 अप्रैल) तक बंगाल की खाड़ी में चारों देशों के युद्धपोतों ने फ्रांसीसी नौसेना के तत्वाधान में ला-पुरयोज एक्सरसाइज में हिस्सा लिया था। 28 मार्च को ही अमेरिकी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, यूएएस एंडोडोर रूजवेल्ट ने पूर्वी हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के साथ मनीज एक्सरसाइज में हिस्सा लिया था।

फ्रीडम ऑफ टैक्सी

अभी तक अमेरिकी नौसेना दक्षिणी चीन सागर में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन का दम भरती थी क्योंकि दक्षिणी चीन सागर में चीनी नौसेना किसी बाहरी देश के युद्धपोत या फिर जंगी बेड़े को दाखिल नहीं होने देती है। हालांकि अमेरिकी नौसेना के सातवें जंगी बेड़े के जरिए पहली बार भारत के विशेष इकोनॉमिक जोन में दाखिल होने से सभी को हैरान कर दिया गया है। ये वही सातवां जंगी बेड़ा है, जिसने 1971 में पाकिस्तान की मदद के लिए भारत के खिलाफ बंगाल की खाड़ी मे दाखिल हो गया था।

सेवेंथ फलीट ने हालिया बयान में कहा कि यूएस फोर्सेज, दैनिक आधार पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में परिचालन कर रहे हैं। एलिटेशन्स, अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार तैयार किए गए हैं और प्रदर्शित करते हैं कि अमेरिका जहां भी अंतर्राष्ट्रीय कानून की अनुमति होगी, वहां उड़ान भरागा, स्नेहन करेगा और ऑपरेशन करेगा। हम नेवीगेशनेशंस की नियमित स्वतंत्रता का संचालन करते हैं, जैसा कि हमने अतीत में किया है और भविष्य में भी जारी रहेगा। फ्रीडम ऑफ नेविगेशन एक देश के बारे में नहीं हैं, न ही वे राजनीतिक बयान देने के बारे में हैं।

विदेश मंत्रालय का बयान

वहीं भारतीय समुद्री क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत के त्वरण पर विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि जब अमेरिकी नौसेना के सेवेंथ फलीट का युद्धपोत यूएसएस जॉन पॉल जॉर्ज फारस की खाड़ी से मलक्का स्ट्रेट की तरफ गुजर रहा था, तब उसे लगातार मोहन किया जा रहा था।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत ने अमेरिकी सरकार को डिप्लोमेटिक चैनल्स के जरिए अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है। विदेश मंत्रालय ने साफ तौर से कहा है कि समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के तहत कोई भी देश बिना तटीय देश की सहमति के विशेष इकॉनोमिक जोन में या फिर कॉन्टिनेंटल साझ में तोप या विस्फोटक के साथ युद्धाभ्यास इत्यादि करने के लिए अधिकृत नहीं है।

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