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बेस हॉस्पिटल के कमांडेंट के ट्रांसफर को लेकर हो रहे विवाद पर सेना ने क्या कहा?

बेस हॉस्पिटल के कमांडेंट के ट्रांसफर को लेकर हो रहे विवाद पर सेना ने क्या कहा?

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;">नई दिल्ली: कोरोना पर मकी हाहाकार के बीच सेना के डेल्वी बैंठ के साथ सोशल मीडिया पर पूर्व सैनिकों ने सेना और रक्षा मंत्रालय के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है। लेकिन सेना ने एक बार फिर गुरुवर को स्वच्छता के लिए कहा था कि वह कैसा था जब उसे संभालना था और फिर उसे फिर से तैनात किया गया था।

दरअसल, इसी सप्ताह बेस अस्पताल के संतेंट, मेजर जनरल वासु वर्धन का तबादला दिल्ली के ही आरएंडआर यानि रिर्सच और रेफरेल अस्पताल कर दिया गया था। सेना के मुताबिक, वंदेंट ने अपना 18 महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया था। इस तरह के रीमैशन के बाद स्मरण के रूप में स्थापित किया गया था। मेजर जनरल एसके सिंह अब बी ह हॉमिट के नएेंडरेंट होंगे जो इससे पहले लखनऊ में तैनात थे।

="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> सोशल मीडिया पर पूर्व-स्थितियों को ठीक करने के लिए यह व्यवस्था की गई है। सोशल मीडिया पर लागू होने के बाद इसे लागू किया गया था। लेकिन सूत्रों खंड हों"पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> सेना के मुताबिक, बेस अस्पताल के रण्ड, मेजर जनरल वर्धन इसी साल अगस्त में रिटायर हो रहे हैं। इसके अलावा अस्पताल के डिप्टीेंडरेंट ब्रिगेडियर संदीप थरेजा भी अब प्रोमशन पाकर मेजर-जनरल बन गए हैं और उनका भी मेजर-जनरल वर्जन के रिटायरमेंट के साथ ही ट्रांसफर होना है। ऐसे समय में जब आने वाले समय में बेस अस्पताल में को विभाजित मरीजों का आना जारी रह सकता है, एक साथ दो सीनियर-ऑफिसर्स का एक साथ छोड़कर अस्पताल के हित में नहीं था। इसीलिए, मेजर जनरल का वर्धन तबादला कर मेजर जनरल एस के सिंह को अस्पताल की कमान सौंपी गई है।

सेना के मुताबिक, मेजर-जनरल वर्धन खुद प्लमोनोजिस्ट होने के कारण अस्पताल के प्रशासन के साथ-साथ को विभाजित-मरीजों का इलाज भी कर रहे थे। इसी में एक मौत भी हुई थी। ऐसे में बेहद जरूरी था कि मेजर-जनरल को तनाव मुक्त बनाए रखना बेहद जरूरी था, जो मानव संसाधन के लिहाज में बेहद जरूरी है।

वेबसाइट पर तैनात है कि दिल्ली बेस अस्पताल को सेना ने तैनात किया है। अस्पताल में लगभग 750 ऑक्सीजन बेड हैं और 35 आईसीयू बेड हैं। कुछ समय से बेसिस पुलिस वाला कोई भी व्यक्ति नहीं लगाया गया है .. . . . . . . . . . . . . . . . . . कभी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने की खबर आती है, तो कभी बिना इलाज के रिटायर ब्रिगेडियर की मौत की खबर आई थी। एक रिटायरयर कर्नल ने तो अस्पताल की बदतियँजमी को लेकर सोशल मीडिया पर ऑड तक वायरल कर दिया। & nbsp;

सरकार ने कहा- अगस्त से दिसंबर के बीच कोरोना टीके की 216 करोड़ की खुराक उपलब्ध होगी, सभी के लिए पर्याप्त है।

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