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बेहतरीन कलाकारों को बनाने वाला रंजीत स्टूडियो एक ही रात में हो गया बर्बाद, 750 लोगों को देता था काम

बेहतरीन कलाकारों को बनाने वाला रंजीत स्टूडियो एक ही रात में हो गया बर्बाद, 750 लोगों को देता था काम

by Sneha Shukla

मुंबई के प्रसिद्ध स्टूडियो रंजीत स्टूडियो के बारे में हम में से ज्यादातर लोग नहीं जानते होंगे। इस स्टूडियो की स्क्रीनशॉटड वर्ष 1929 में निर्देशक सरदार चंदू लाल शाह और एक्ट्रेस गौहर जान के साथ मिलकर रखी गई थी। जब बोलने वाली फिल्मों का दौर शुरू हुआ तो रंजीत स्टूडियो में हर साल 6 फिल्में बनने लगीं। आपको बता दें कि रंजीत स्टूडियो के बैनर में 31 साइलेंट और 127 टॉल्की फिल्में बनी थीं।

इस बैनर की जीनदर फिल्में हिट होती थीं। उस वक्त रंजीत स्टूडियो में 750 से ज्यादा लोग काम करते थे। इतना ही नहीं, इस स्टूडियो के लिए सरकार ने अलग से राशन की दुकान तक खुलवा दी थी। वहीं मालिक चंदू लाल को रेस और शेयर बाजार में सट्टा लगाने का बुहत शौक था।

उनके घोड़ों हर रेस में जीतते थे। वहीं चंदू लाल जो भी काम में हाथ डालते उसमें उन्हें मुनाफा ही होता था। हर तरफ से मिलने वाली कामयाबी ने चंदू लाल को इतना कॉन्फिडेंट बना दिया कि उन्हें रिस्क लेने में मजा आने लगा। फिर साल 1944 में कपास के सट्टे में चंदू लाल शाह एक ही दिन में 1 करोड़ 25 लाख रुपये खो गए। हालांकि, बहुत सारे नुकसान से बाहर निकलने की चंदू लाल ने बहुत कोशिश की लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

स्टूडियो ने गिरवी को रखा

फिर सन 1950 में रंजीत स्टूडियो को एशियन इंश्योरेंस कंपनी के पास उन्हें गिरवी रखना पड़ा, जिसे कभी भी छुड़ाया नहीं गया। इस तरह से इतने बड़े स्टूडियो का पतन हो गया। बता दें कि उस दौर के सभी बड़े एक्टर, निर्माता-निर्देशक को रंजीत स्टूडियो के बैनर में ही काम मिलता था। पृथ्वीराज कपूर, कलानी बाई, केदार शर्मा जैसे कई और बेहतरीन कलाकारों को इस स्टूडियो ने ही पन्ना दी।

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