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भगोड़े नीरव मोदी की पैंतरेबाजी, भारत आने से बचने के लिए इंग्लैंड के हाईकोर्ट में की अपील

by Sneha Shukla

भगोड़े हीरा काराबोरी नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। हाल ही में ब्रिटेन के गृह मंत्री ने इसकी मंजूरी भी दे दी थी। हालांकि उन्होंने भारत आने और कार्रवाई से बचने की एक और कोशिश की है। नीरव मोदी ने हितेव के हाईकोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दाखिल की है। उन्होंने याचिका में कई दलीलें दी हैं। हालांकि उसे साबित करना नीरव मोदी के लिए चुनौती होगी।

नीरव मोदी ने बुधवार को ब्रिटेन के हाईकोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील के लिए अपना पूर्व आधार दायर किया है। इसमें उन्होंने भारत के अपने पूर्व सचिव और 15 अप्रैल को ब्रिटेन के गृह सचिव प्रभा पटेल की मंजूरी को चुनौती दी है। नीरव मोदी की कानूनी टीम के अनुसार, अपील को सिद्ध करने के लिए आधार तैयार किए जा रहे हैं और जल्द ही दायर किए जाएंगे। वर्तमान में ये अपील के पूर्व आधार हैं।

नीरव मोदी की याचिका में भारत में उचित मुक़दमा नहीं चल रहा है और राजनीतिक कारणों से उन्हें निशाना बनाने की चिंता जाहिर की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत में जेलों की स्थिति खराब है और उसके खिलाफ सबूत कमजोर हैं।

आपको बता दें कि इससे पहले लंदन की एक अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर सहमति जताई थी और उसकी सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि उसका भारत की जेल में रखना होगा। नीरव मोदी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा के लोन की फंदा का चार्ज है। यह फ़र्स्ट पुष्ट पत्र के जरिए की गई। उस पर भारत में बैंक स्कला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किए हैं। इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं। सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ब्रिटेन से उसका प्रत्यर्पण अगस्त, 2018 में मांगा गया था।

नर्सिंग के बाद भारत से भागने वाला नीरव मोदी इस समय लंदन की वंड्सवर्थ जेल में बंद है। प्रत्यर्पण से बचने के लिए नीरव मोदी ने कोर्ट में कहा था कि वह मानसिक रूप से बीमार है। साथ ही उसने भारत की जेल में सुविधाएं न होने का दावा किया। हालांकि, कोर्ट ने नीरव मोदी की इन दलीलों को खारिज कर दिया था।

फरवरी में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भारत सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का फैसला दिया। हालांकि, पुष्टिप्रण आदेश पर होम मिनिस्टर प्रीति पटेल के साइन का यह मतलब नहीं है कि नीरव मोदी को भारत लाने में अब कोई अड़चन नहीं। उसके पास अभी भी कई कानूनी रास्ते बचे हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट में अपील और शरण मांगने जैसे विकल्प हैं। एक्सपर्ट इसके लिए शराब कारोबारी विजय माल्या के केस का भी उदाहरण देते हैं, जोकि एक विश्वास मुद्दे की वजह से यूके में बेल पर हैं। माना जा रहा है कि वह ब्रिटेन में राजनीतिक शरण की मांग की है।

आर्थर रोड जेल में रहेगा हीरा कारोबारी
भारत लाए जाने के बाद नीरव मोदी किस जेल में रहेंगे और कितनी संख्या बैरक में रहेंगे, उसके आने से पहले ही यह फाइनल हो चुका है। नीरव मोदी को सलाखों के पीछे बंद करने के लिए मुंबई की आर्थर रोड जेल ने एक विशेष सेल तैयार रखा है। उसे बैरक नंबर 12 में मौजूद तीन सेलों में से एक में रखा जाएगा। बता दें कि ऑर्थर जेल का यह 12 नंबर बैरक काफी हाई सिक्योरिटी वाला बैरक है।

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