भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को कोरोनावायरस महामारी को लेकर एक दूसरे से फोन पर बात की। इस दौरान दोनों देशों के मंत्रियों ने कोरोनावायरस के हस्तक्षेप को लेकर चर्चा की। विदेश मंत्री एस। जयशंकर और कलावे के बीच हुई बातचीत को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों देशों ने कोरोना वैश्विक महामारी को खत्म करने के लिए उचित कदम उठाने पर जोर दिया। दोनों ने इस वायरस के नियंत्रण पाने पर सहमति जताई। दोनों देशों ने बातचीत के दौरान माना कि इस महामारी को खत्म करने के लिए ग्लोबल सप्लाई लाइन खुली रखनी चाहिए, ताकि इस स्थिति पर काबू पाया जा सके।
इससे पहले शी जिनपिंग ने पीएम मोदी को मैसेज भेजा था। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में वह भारत के साथ खड़े हैं और इस महामारी को खत्म करने में वह अपना पूरा योगदान देंगे। उन्होंने भारत को हर संभव मदद देने का भी भरोसा किया। उन्होंने कहा कि यह मुश्किल वक्त में वह भारत के साथ खड़े हैं और जरूरत पड़ने पर वह भारत की हर संभव मदद करेंगे। भारत में चीन के राजदूत सुन वेइंडग ने एक पत्र को वेब पर साझा किया। इस पत्र में लिखा गया है, ” कोरोनावायरस मानवता का साझा दुश्मन है और आंतरिक समुदाय को एकजुट होकर इसका मुकाबला करने की जरूरत है। चीनी पक्ष भारत सरकार और वहाँ के लोगों का, महामारी से लड़ाई में समर्थन करता है। ”
भारत में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं
बता दें कि भारत में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटों में देश में 4 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 3500 से अधिक लोगों की मौत हुई है। देशभर में कोरोना वैक्सीन लगाने का काम भी तेज गति से आगे बढ़ रहा है। इससे पहले गुरुवार को देश में 386,452 नए मामले आए थे। बुकिंग के करीब 40 फीसदी केस हर दिन भारत में ही दर्ज किए जा रहे हैं।
ये भी पढ़ें: –
असम में सात मई तक नीत कर्फ्यू, रात आठ से सुबह पांच बजे तक जारी किया जाएगा
।
Homepage | Click Hear |