मलंकरा मार थोमा सीरियन चर्च के पूर्व प्रमुख और भारत में सबसे लंबे समय तक बिशप के रूप में अपनी सेवा देने वाले डॉ। बिलोज मार क्राइसोमिट का 103 साल की उम्र में निधन हो गया है। चर्च के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मार क्राइसोमिट को मंगलवार को तिरुवल्ला में अस्पताल से छुट्टी दी गयी थी। वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। इसके बाद उन्होंने कुम्बानाद में एक निजी अस्पताल में देर रात लगभग एक बजकर 15 मिनट पर आखिरी सांस ली।
मानवीय दृष्टिकोण रखने वाले मार मार क्राइसोमिट को 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। उन्होंने आजीवन गरीब और बेसहारा लोगों की मदद की और उनके अच्छे भविष्य के लिए कई योजनाएं तैयार की थी। मार क्राइसोस्टम का जन्म 27 अप्रैल, 1918 को कार्तिकप्पल्ली में हुआ था। उन्हें अपने पिता से सेवा भाव से प्रेरणा मिली। उन्होंने अलवाए स्थित यूनियन क्रिश्चन (यूसी) कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। वर्ष 1944 में उन्हें ‘डीकॉन ऑफ चर्च’ बनाया गया था। इसके 9 साल बाद 1953 में उन्हें बिशप बनाया गया था। वह 68 साल तक बिशप रहे थे।
केरल: फिलिप मार क्राइसोस्टॉम मार थोमा वलिया मेट्रोपॉलिटन, मारिटोमा मेट्रोपोलिटन ऑफ मार थोमा सीरियन चर्च का 103 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका तिरुवल्ला में बुढ़ापे से संबंधित बीमारियों का इलाज चल रहा था। वह भारत में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले बिशप थे और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित थे pic.twitter.com/8Pxck4kMN4
– एएनआई (@ANI) 5 मई, 2021
सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे क्राइसोमिट
मार क्राइसोइट अपने सरल स्वभाव के लिए भी जाने जा रहे थे। उन्हें एक सच्चा शकक के रूप में भी जाना पड़ता था। वर्ष 1999 में वे मलंकरा मार थोमा सीरियन चर्च के मेट्रोपोलिटन बने थे। उनके भाषणों को लोग गौर से सुनते थे और उसका अनुसरण करते थे। उनके भाषणों को किताब के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया गया। उनके भाषणों पर कई किताबें प्रकाशित हुई हैं।
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