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महाराष्ट्र एटीएस ने 7 किलो यूरेनियम के साथ दो युवकों को किया गिरफ्तार, पूरी कहानी जानकर रह जाएंगे हैरान

महाराष्ट्र एटीएस ने 7 किलो यूरेनियम के साथ दो युवकों को किया गिरफ्तार, पूरी कहानी जानकर रह जाएंगे हैरान

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> मुंबई: महाराष्ट्र एटीएस ने 7 किलो यूरेनियम जैसे घातक पदार्थ के साथ दो युवकों को गिरफ्तार किया है। एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे ने बताया कि ये दोनों ही आरोपी इस यूरेनियम को बेचने की फिराक में थे और ग्राहक की तलाश कर रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों के नाम जिगर पंड्या और अबु ताहिर अफ़सल हुसैन चौधरी हैं। सूत्रों ने बताया कि जिगर पांड्या और अबू ताहिर दोनों ही कॉलेज के दिनों से एक दूसरे को पहचानते हैं और ताहिर इंफोर्ट और एक्पोर्ट का काम करता है। दोनों आरोपियों ने केवल एमबीएम की पढ़ाई की है।

जांच में पता चला कि ताहिर के पिता का गोवंडी इलाके में स्पष्टार का कब्जा है। 5-6 साल पहले उसकी दुकान पर एक ट्रक भरकर बचार आया था जिसमें उन्हें यूरेनियम मिला था। यह पदार्थ यूनिक होने की वजह से उन्होंने उसे संभालकर अपने कपाट में रखा था। आश्चर्य की बात यह है कि उन्हें उस समय यह कोई पता नहीं था कि वह पदार्थ यूरेनियम है। & nbsp;

अबु ने एटीएस को बताया कि फरवरी 2021 में जब उसे यह टुकड़ा दिखाई दिया तब उसने इसका पता लगाने के लिए इंटरनेट पर सर्चिंग शुरू की। इसके बाद उसने इस बात की जानकारी अपने दोस्त जिगर को दी जो जो कि आईटी कंपनी में काम करता था। जिगर की पहचान एक प्राइबेट जापान में थी जिसके बाद उसने उस जापान को संपर्क किया ताकि पता लगाया जा सके कि यह कौनसा धातु है।

फिर उस उद्योग के मालिक की मदद से इन लोगों ने उस धातु का पता लगाना शुरू किया और फिर उन्हें पता चला कि ये कोई सामान्य धातु नहीं है बल्कि यह तो यूरेडियन है और इसका बाज़ार में लगभग 25 करोड़ की कीमत है। ये लोग बाज़ार में इस यूरेनियम को बेचने के लिए ग्राहक की तलाश में थे। & nbsp;

कि फरवरी महीने के बीच इस बात की जानकारी अट्स को मिली। इस जानकारी पर कई दिनों से एटीएस काम कर रही थी। & nbsp; AttS के सदस्यों ने गुजरात का बिजनेसमैन बनकर उस यूरेनियम को खरीदने के लिए दोनों आरोपियों से संपर्क किया। एक बार जब अट्स के अधिकारियों को उस धातु का सैम्पल मिला तो उसकी जांच के लिए उसे भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में भेजा गया। लांडे ने बताया कि मामला आगे बढ़ाने से पहले हम इस बतीज पर पहुंचना चाहते थे कि आखिर कर यह कौनसा धातु है और क्या यह यूरोपी ही है।

लगभग दो महीने बाद भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से पता चला कि यह तो यूरेनियम है जो कि हाइली रेडियोएक्टिव और ह्यूसमैन बिंग के लिए खतरे से कम नहीं है। फिर क्या एटीएस ने इसकी जानकारी अँटोमिक मिनिरल्स डायरेक्टर फाँसर एक्सप्लोरेशन अँड रिसर्च, अँटोमिक एनर्जी विभाग नागपुर को दी। इसके बाद उनकी शिकायत को आधार बनाते हुए एटीएस ने मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया और आज दोनों ही आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने दोनों ही आरोपियों को 12 मई तक एटीएस की कस्टडी में भेज दिया है।

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