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यूपी से सामने आई झकझोर देने वाली तस्वीर, बुजुर्ग कैदी का बिस्तर से बांधकर किया जा रहा है इलाज

यूपी से सामने आई झकझोर देने वाली तस्वीर, बुजुर्ग कैदी का बिस्तर से बांधकर किया जा रहा है इलाज

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;">एटा: उत्तर प्रदेश में रहने के समय के प्रकार से संबंधित होते हैं एक बैनगी एटाटा में भर्ती 84 बैट की बेकता बुखारी की स्थिति में है। इसे का गार से मई उतर वहाँ पर इसे हाथ में डालने वाली हथकड़ी से बिस्तर की एक गिल्ली से बांधकर रखा गया है। इसके आई बनी अब जिला अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे इन बुजुर्ग शंख, पेशाब के लिए भी बिस्तर से हिल नहीं सकते।

जेल वार्डन सस्पेंड किया गया

एटा समूह के साथ मिलकर काम करता है 84 84 साल के लिए मास्टर्स के साथ माइश्चर्य रखने वाला, न्यू न्यूव मैन्यूअल को मॉरटर बनाने वाला, माइश्चर रखने वाला भी है। ८४ साल के हिसाब से मामला मीडिया में आने के बाद उत्तर प्रदेश के डीजी जेल आनंद कुमार ने खबर का संज्ञान लेकर जेल वार्डन अशोक यादव को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है और जेल के निरीक्षण अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि, इस मामले में कोई भी दोषी अधिकारी और कर्मचारी बख्शा नहीं करेगा।

कैदी 84 साल का बुजुर्ग कैदी है

एटा जनपद कारागार में महिला नॉन कोविड अस्पताल में इलाज करवाने जेल से आये 84 साल के बुजुर्ग सजा याफ्ता कैदी बाबूराम को अस्पताल के बिस्तर में पैर में हथकड़ी डालकर अस्पताल के बिस्तर से बांध दिया गया है। ये मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है। ये बुढ़िया के गर्भ में स्थित थाना के बदीबपुर गांव का बिगाड़ने वाला और घातक के एक मामले में खराब होता है। ये 6 फरवरी 2021 से एटा जिला कारागार में बंद है।

सांस लेने में हो गई थी तकलीफ

9 ️ वहाँ से इसके तत्कालीन गंभीर होने के कारण इसको अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया। जेल पुलिस की गारद जब इसको अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज ले कर गयी तो वहां कोई बिस्तर खाली न मिलने पर इसको वापस एटा जिला अस्पताल में लाकर 10 मई को भर्ती कर दिया गया।

इस पूरे मामले में सुधार करने के लिए लागू होने पर वैसी ही वैसी ही लागू होगी, जैसा कि लागू होने पर लागू होता है। इसके अतीव्रत जिला अस्पताल के उन डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने एक 84 साल के मरीज को हथकड़ी द्वारा चारपाई से बंधे बंधे 4 दिनों तक इलाज किया और इसमे अपना पूरा सहयोग भी प्रदान किया। ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> ये भी पढ़ें।

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