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उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेद्र रावत बोले, कोरोना भी प्राणी, उसे भी जीने का हक

by Sneha Shukla

पूर्व सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोनाइरस भी एक प्राणी है। उसे भी जीने का अधिकार है। हम नहीं हैं तो यह भी बार बार रूप रूप है। कोरोनावायरस को लेकर पूर्व सीएम का दार्शनिक अंदाज में दिया गया था।

सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि वे एक गाने के साथ हैं। वायरस भी एक प्राणी है और हम भी। हम अपने आप को बुद्धिमान बनाते हैं। लेकिनवो प्रजाति अज्ञात है। यह भी अधिकृत है। हम उसके पीछे लगे हुए हैं। वह बचना चाहता है। रूपांतर है। बहुरूपिया हो गया है इसलिए वायरस से दूरी बनाकर चलना होगा। यह भी काम करता है। बस, तेज गेंदबाज़। इसलिए वह पीछे छूट जाए। हमे वह भी एक जीवन है। अपने जीवन को बचाने के लिए वे तमाम रूप बदल रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान फेसबुक, व्हाट्सएप पर खूब वायरल हो रहा है। लोग आलोचना भी कर रहे हैं। लेकिन त्रिवेंद्र समर्थकों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने लोगों को कोरोनावायरस से बचने के लिए आगाह किया है।

जोशी, हरक और त्रिवेंद्र के बीच बयानी तीर चले
त्रिवेंद्र सिंह रावत के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को अनुभवहीन बताए जाने के बयान के बाद कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत जोशी के बचाव में उतर आए। हरक सिंह ने जोशी को अनुभवी नेता बताया और साथ ही तंज किया कि इस समय एक-दूसरे को नीचा दिखाने का नहीं है। जोशी के सुर से सुर मिलाते हुए हरक सिंह ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में डिफ़ॉल्ट रूप से हुई। हरक का यह वीडियो बयान सोशल मीडिया पर वायरल है।

एक घटना पर प्रसारित होने वाली पार्टी की पार्टी के वारिस पर हमला करने वाले इंसान पार्टी के दिन तेज से चलने वाले होंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कलाकारों की आपसी लड़ाई से फुर्सत मिल जाए तो प्रदेश में को विभाजित की भयावहता पर भी कोई नजर डालें। कम से कम समय में मापें। प्रदेश

जोशी को पश्चिमी कार्यक्रम के कार्यक्रम के दौरान सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले हरक सिंह रावत का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें गणेश जोशी अनुभवी नेता ने बताया। त्रिवेंद्र का नाम लिए बिना उन्होंने नसीहत भी दे डाली कि इस तरह की टीका टिप्पणियाँ न करें तो बहुत अच्छा। यह एक-दूसरे को नीचा दिखाने व एक दूसरे की टांग खींचने का अवसर नहीं है। ऐसे समय में हम एक दूसरे की मदद नहीं करेंगे और राजनीति देखेंगे तो इससे नीचता का काम कोई नहीं हो सकता है।

जोख़ी के विशेष कार्यक्रम जो भी थे, वे भी थे। उसके लिए हम तैयार नहीं हो पाए। यह इस प्रकार नहीं था, इस विकराल रूप में अचानक से विविध था। सबने सोचा कि अब बिल्कुल ठीक हो गया। पहले की तरह जनसभाएं शुरू हुई हैं। प्रबंधक कार्यक्रम आयोजित करना। जनसभाओं में उमड़ने लगे। हरक सिंह के इस बयान को जहां जोशी के आरक्षण के रूप में देखा जा रहा है। त्रिविंन्द्र त्रिवेंद्र रावत पर कटाक्ष भी जा रहा है।

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