जयपुर: रेटेड के सीएम अशोक गेहलोत ने ग्रामीण इलाक़ों में मचे कोरोना के क़हर पर गहरी चिंता जताई है। अशोक गहलोत ने जयपुर में राजनीतिक दलों के अधिकार और पुलिस- प्रशासनिक अफ़सरों के साथ वर्ग बैठक की। इस बैठक में गेहलोत ने कहा कि ‘अगर राज्य में पंद्रह दिन बाद भी ऐसी ही स्थिति रही तो उस पर क़ाबू नहीं पाया जा सकेगा। अब कोरोना की रोकथाम में बजट नोटिस काम करेगा। ‘
भावुक अंजज में गहलोत बोले
इस बैठक में गेहलोत ने भावुक अन्दाज़ में कहा कि ‘जब कोरोना की पहली लहर आयी थी तब इटली में साठ साल से अधिक उम्र के लोगों का इलाज करना बंद कर दिया था, लेकिन हमारे यहाँ ऐसा नहीं होता है। हमारे यहाँ तो गहने गिरवी रखते हुए इलाज करवाने की परम्परा है। ‘
गेहलोत ने कहा कि अभी चीजों का कम और काम करने का वक़्त है। खुद अपना उदाहरण देते हुए गेहलोत ने कहा कि उन्हें और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को कोरोना हुआ था लेकिन वैक्सीन लगी होने के कारण वे आज सबके सामने बैठे हैं।
दूसरी लहर हुई
गहलोत ने कोरोना की दूसरी लहर को घातक बताते हुए कहा कि अब ये गांवों में घुस चुका है। ये लहर बेहद ख़तरनाक है। युवा लोगों की मौतों के ऐसे क़िस्से सुनाई दे रही है कि रात को नींद नहीं आती है। युवा और युवा कोरोना पीड़ित होने के चंद घंटों के भीतर दम तोड़ रहे हैं। आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है हम इसके स्टडी करवा रहे हैं।
इस बैठक में अत्यधिकतर जन प्रतिनिधियों ने कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए सख़्त लॉकडाउन की ज़रूरत बताई। स्वास्थ्य विभाग के अफ़सरों ने बताया कि अगर राजस्थान में आशंकाओं के आंकड़े इसी तरह से आते रहे तो अगले 26 दिनो में सक्रिय केस की संख्या दो गुनी यानि चार लाख तक पहुंच जाएगी।
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