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राजस्थान में कोरोना वैक्सीन की भारी किल्लत, सीएम अशोक गहलोत ने विदेश से मंगवाने का लिया फैसला

राजस्थान में कोरोना वैक्सीन की भारी किल्लत, सीएम अशोक गहलोत ने विदेश से मंगवाने का लिया फैसला

by Sneha Shukla

उत्तर प्रदेश सहित अन्य कुछ राज्यों की तर्ज़ पर आरक्षित की अशोक गेहलोत सरकार भी कोरोना वैक्सीन को देगी। इसके लिए राज्य सरकार ने ग्लोबल टेंडर जारी करने को मंज़ूरी दे दी है। राज्य सरकार 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए रूस और अमेरिका से वैक्सीन आयात करेगी। & nbsp;

जयपुर में बुधवार को सी एम अशोक गेहलोत की बैठक में हुई राज्य मंत्री परिषद की बैठक में वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर जारी करने पर सहमति बनी। इस बीच राज्य के अधिकारियों ने रूस और अमेरिका से वैक्सीन मंगबेन की सम्भावना तलाशनी शुरू कर दी है। अमेरिका की फ़ाइज़र और रूस की स्पूतनिक वैक्सीन है। & nbsp;

दरअसल सुरक्षित सरकार को राज्य में वैक्सीन की लगातार हो रही कमी की वजह से ग्लोबल टेंडर जारी करने पर विचार करना पड़ा है। रेटेड ने सीरम कंपनी को लगभग 3 करोड़ 75 लाख कोवीशील्ड की सप्लाई ऑर्डर दिया था, लेकिन देश भर से इस वैक्सीन की लगातार आ रही मांग की वजह से सीरम अब तक नाम मात्र की वैक्सीन ही रेटेड सरकार को दे सकी है। वैक्सीन का दोहरा करने की वजह से राजस्थान सरकार पर पांच प्रतिशत जी एस टी भी लागू नहीं होगा जबकि स्वदेशी वैक्सीन पर इस टैक्स को चुकाना पड़ता है। & nbsp;

इस मुद्दे को लेकर चिंतित के सी एम अशोक वेल्लोट ने कहा है केंद्र सरकार पर ट्वीट के ज़रिए निशाना भी साधा। गेहलोत ने लिखा है, & ldquo; देश में को विभाजित वैक्सीन की कमी के कारण कई प्रदेश दूसरे देशों से वैक्सीन लेने के लिए ग्लोबल टेंडर निकाल रहे हैं। बेहतर ये होता है कि केंद्र सरकार ग्लोबल टेंडर हटाकर वैक्सीन खरीदती और राज्यों में वितरण करती है और बाद में इसका भुगतान राज्य सरकारों से ले लेती है। हालांकि देशवासियों की मांग है कि अन्य टीकों की तरह इस घातक महामारी का केन्द्र सरकार द्वारा पूरी तरह से निशुल्क उपलब्ध करवाया जाए। इससे वन स्टॉप प्रक्योरमेंट की व्यवस्था बनती जो सभी राज्यों के लिए बेहतर होती है। & rdquo;

यहां ये भी जानना ज़रूरी है कि पिछले चार पांच दिनो से राजस्थान में 18 से 44 साल तक के लोगों का वैश्य्सीनेशन अभियान बेहद सुस्त रहा। शीर्ष से चल रहा है। को-वैक्सीन के डोज़ उपलब्ध नहीं होने से लोगों को दूसरे डोज़ का समय भी निकल रहा है। यहाँ तक कि 18-44 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन अब तक सभी ज़िलों में शुरू भी नहीं हो सका है। & nbsp;

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