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डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वास्तव में वे डॉ ही होते हैं तो 24 घंटे मरीजों की सेवा के लिए उपलब्ध रहते हैं। कई बार तो ये डॉ। खुद की जान की परवाह किए बिना मरीजों की जान बचाते हैं। रूस में भी कुछ ऐसा ही वाकया सामने आया है। दरअसल यहां एक सदी पुराने अस्पताल में आग लग गई थी। लेकिन आग की चिंता किए बिना डॉ। एक मरीज की हार्ट सर्जरी कर रहे हैं।
अस्पताल में आग लग गई
ये घटना रूस के ब्लागोव्सचेंस्क शहर के एक अस्पताल की है। यहां शुक्रवार को अचानक आग लग गई थी। जब आग की लपटें अस्पताल से उठ रही थी उस दौरान वहां डॉक्टरों की टीम ऑपरेशन चिकित्सक में एक मरीज की हार्ट सर्जरी कर रही थी। जहां एक ओर अस्पताल की साझेदारी से जबरदस्त धुंआ उठ रहा था तो वहीं डॉक्टरों की टीम ने अपनी जान की परवाह किए बिना सर्जरी जारी रखी।
डॉक्टरों और नर्सों के एक समूह ने एक ओपन-हार्ट सर्जरी को पूरा करने के लिए एक सर्जरी रूम में रुके थे क्योंकि पूर्वी रूस के एक अस्पताल से आग लगने के बाद धुएं का गुबार उठता था। https://t.co/iGZf2xrGFR pic.twitter.com/P3bwq0MBrW
– रायटर (@ रायटर) 2 अप्रैल, 2021
जलते हुए अस्पताल में दो घंटे में पूरी तरह से हुई सर्जरी
इस दौरान ऑपरेशन मशीन में धुंआ रोकने के लिए पंखों का भी इस्तेमाल किया गया। दमकलकर्मियों को अस्पताल में आग लगाने के लिए बुशिंग में दो घंटे का समय लगा दिया गया। इतनी ही अवधि के दौरान डॉक्टरों ने भी रोगी की सफल ओपन हार्ट सर्जरी पूरी तरह से की।
वहीं जलते हुए अस्पताल में मरीज की सर्जरी करने वाले एक डॉ वैलेन्टिन फिलाटोव ने कहा कि, हमारे पास कोई औप्शन नहीं था और हमें मरीज की जिंदगी बचानी ही थी। उन्होंने बताया कि ये हर्ट-बायपास ऑपरेशन था। सफल सर्जरी किए जाने के बाद मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था।
लकड़ी की छत पर लगी आग थी
वहीं और स्थिति मंत्रालय ने कहा कि छत पर आग लगने के बाद 128 लोगों को तुरंत अस्पताल से निकाला गया। मंत्रालय ने ये भी बताया कि जिस क्लिनिक में आग लगी थी वह बेहद पुरानी इमारत थी। उसे 1907 में बनाया गया था। मंत्रालय ने कहा कि आग लकड़ी की छत से बिजली की तरह फैल गई थी। वर्तमान में किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है। उसी स्थान पर क्षेत्रीय शासननल वासिल ओलोव ने मैडिक्स और फायरफाइटर्स को उनकी बहादुरी के लिए सलाम किया है।
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