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रेमडेसिविर के लिए पैर पकड़ गिड़गिड़ाती रहीं महिलाएं, सीएमओ बोले- दोबारा आईं तो पुलिस के हवाले कर देंगे

by Sneha Shukla

कोरोना से जूझ रहे अपने परिजनों की जान बचाने के लिए मंगलवार को तीन महिलाओं ने गौतमबुद्ध नगर सीएमओ के पैर पकड़ लिए। महिलाओं ने आरोप लगाया कि उन्हें रेमडेसिवीर देने की बजाय सीएमओ ने कहा कि इंजेक्शन इंजेक्शन मांगने आईं तो पुलिस के हवाले कर देंगे। वहीं खोड़ा कॉलोनी निवासी रिंकू देवी ने बताया कि इंजेक्शन न मिलने से 24 साल के बेटे विकास की मौत हो गई।

सेक्टर -39 स्थित सीएमओ कार्यालय में तीन महिलाएं अस्पताल में भर्ती को विभाजित मरीजों के लिए रेमडेसिवर की व्यवस्था के लिए भटक रही थीं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग में इंजेक्शन के लिए आई थे, लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी। इस दौरान कार्यालय पहुंचे सीमएओ के पैर पकड़कर उन महिलाओं को अपने रोगियों को अस्पतालों में रेमडेसिवर इंजेक्शन देने की गुहार लगाने लगीं।

महिलाओं ने आरोप लगाया कि सीएमओ ने कहा कि अगर दोबारा इंजेक्शन की मांग आईं तो पुलिस के हवाले कर देंगे। इस मामले में सीएमओ डॉ। दीपक ओहरी का कहना है कि पुलिस शिकायत की बात उन्होंने नहीं कही है। उन्होंने कहा कि उनके पास इंजेक्शन नहीं हैं। वहीं किसी व्यक्ति ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

विभाजित मरीज का मोबाइल गायब होना

नोएडा। सेक्टर 39 को विभाजित अस्पताल में 21 अप्रैल को एक को विभाजित मरीज की मौत हो गई थी। मृतक का एक कीमती मोबाइल उस समय अस्पताल में गुम हो गया था। पांच दिन बाद भी मोबाइल न मिलने पर मृतक के परिजनों ने थाना सेक्टर 39 में रिपोर्ट दर्ज कराई है। सेक्टर 151 स्थित जेपी अमन सोसायटी में पंकजथकिल रहते थे। 16 अप्रैल को कोरोनाटिक होने की वजह से पंकज को सेक्टर 39 स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

परिजनों ने बताया कि पंकज ने 19 अप्रैल को अपने कीमती मोबाइल से एक रिश्तेदार से वीडियो कॉल की थी। इसके बाद 21 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। जब वह शव लेने पहुंचे तो पंकज का मोबाइल उनके पास नहीं था। पूछने पर अस्पताल प्रबंधन ने उनसे कहा कि वह मोबाइल वॉशकर उन्हें बाद में दे देगा। लेकिन अभी तक मोबाईल नहीं मिला है।

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