कोरोना के संक्रमण से पूरे देश में भी जांच की जाती है। इस बीच में गंगा में इन्द्रिय-विवरण शामिल था और शरीर में शामिल हो गया था। पर्यावरण में विभागों का गठन किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी राज्य सरकार और केंद्र पर खोजा है।
शुक्रवार को यह कहा गया था कि गंगाया की में में गोद लेने का अंबार लगाने, खराब होने और खराब होने वाला है। किसकी बेहूदगी से यह सब हो रहा है। बुलाए गए कि यूपीआई-बिहार के फिर से जीवनदायिनी गंगा को बचाओ। ऐसी ही कहा कि शरीर गंगा में। परिजनों रखने के लिए इस शरीर को गंगा जी. लालू ने कहा कि प्रशासक की संपत्ति के प्रबंधन में व्यवस्था बनाने की व्यवस्था होगी.
गंगा मैया की समस्याओं में डालने का सवाल है, दुखी और दुखी हैं।
किसकी बेहूदा से यह सब हो रहा है?
यूपीआई-बिहार के जीवनदानी गंगा माँ को बचाओ।
– लालू प्रसाद यादव (@laluprasadrjd) 14 मई, 2021
एक अद्यतन के लिए लालू यादव ने लिखा-‘ इतनी परिजनों️️ परिजनों️ परिजनों️ परिजनों️ परिजनों️ परिजनों️ परिजनों️ परिजनों️️️️️️️️️️️️️️️ इसलिए शरीर को गंगा जी. नीति आयोग के सदस्य बनने के बाद ऐसा करने में क्या करेंगें.’ ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️
2000 से अधिक शरीर गंगा में!!!
ग़रीबी के कृषि के पास के सामान के लिए अनाज और कफन ख़रीदने के पैसे है। इसलिए शरीर को गंगा जी.
नीति आयोग के सदस्य बनने के बाद ऐसा करने से क्या होगा ऐसा करने से क्या होगा.. pic.twitter.com/dqRcfb5w1I
– लालू प्रसाद यादव (@laluprasadrjd) 14 मई, 2021
हबीब, लालू यादव के और बिहार के जनप्रतिभागी यादव ने भी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा, ‘ कीट-पंक्ति परीक्षण जांच कुल जांच का 70% परीक्षण किया जाता है। लेकिन ; वास्तव में यह भी प्रभावी है कि वे परस्पर प्रभावी हों।
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