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विवादित वैक्सीन मैत्री: 94 देशों को भेजा गया टीका, देखें आकंड़ों के आईने में

विवादित वैक्सीन मैत्री: 94 देशों को भेजा गया टीका, देखें आकंड़ों के आईने में

by Sneha Shukla

भारत ने जनवरी 2021 में देश के भीतर टीकाकरण की शुरुआत के साथ ही अन्य मुल्कों को इन इंडिया टीकर्स को उपलब्ध कराने की शुरुआत की शुरुआत की। अपने को दुनिया का दवाखाना बताने की जुगत में वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत अब तक (8 मई 2021 शाम 6 बजे तक के आकंडों के अनुसार) 94 देशों को कोरोना टीकों की आपूर्ति की गई।

इस अभियान के तहत अब तक 6.63 करोड़ टीके मुहैया कराए गए जिसमें अनुदान, व्यवसायिक खरीद और WHO के कोविक्स कार्यक्रम में अंशदान के तौर पर दिए गए टीके शामिल हैं। इसमें बड़ा हिस्सा 3.57 करोड़ टीएसी का बिक्री के तौर पर है, जबकि 1.98 करोड़ टीके कोविक्स कार्यक्रम के लिए दिया गया है। अनुदान के तौर पर 1.07 करोड़ टीके भारत ने दिए।

भारत से टीकर्स का तोहफा

विदेश मंत्रालय के अनुसार जापानलादेश, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, म्यांमार, मालदीव, मॉरीशस जैसे पड़ोसी मुल्कों को टीके मुहैया कराने के पीछे तर्क यही था कि भारत के साथ अधिक आवाजाही वाले करीबी पालकों में भी टीकाकरण को मदद दी जानी चाहिए। इसलिए बीमारी भारत की दहलीज पर बढ़ती जा रही है। इस सूची में पाकिस्तान को छोड़कर ज्यादातर सार्क के पड़ोसी हैं।

भारत से एक लाख वैक्सीन हासिल करने वाले देशों की फ़ेहरिस्त में बहरीन, ओमान, दो ऐसे देश हैं जिनके साथ भारत की सीधी सीमा तो नहीं जुड़ती है। मगर दोनों देशों में भारतीय समुदाय के लोगों और खासतौर पर कामगारों की बड़ी संख्या है।

भारत ने 1 लाख टीकों से ज्यादा टीके अनुदान में जिन दूरस्थ देशों को दिए हैं। उनमें अफ्रीका के स्टॉकाम्बीक (1L), निकारागुआ (2L), युगांडा (1L), कीनिया (1L) शामिल हैं।

प्रशांत क्षेत्र के मुल्क फिजी, जहां गिरमिटिया भारतवंशियों की बड़ी संख्या है, उसे भी 26 मार्च 2021 को एक लाख टीके दिए गए।

भारत ने दिन दूरस्थ देशों को एक लाख से अधिक मात्रा में टीके तोहफे के तौर पर दिए उनमें लतिन अमेरिका के पेराग्वे (2 लाख), ग्वालटेमाला (2 लाख), निकारागुआ (2 लाख) शामिल हैं।

भारत ने चीन के पड़ोसी और रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण मंगोलिया को भी डेढ़ लाख टीके अनुदान के तौर पर दिया।

भारत ने 2 लाख टीके यूएन पीस कीपिंग मिशन को भी दिया जहां सबसे बड़ी संख्या में भारतीय सैनिक तैनात हैं।

भारत से टीकर्स की खरीद

वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत भारत ने 3.57 करोड़ मेड इन इंडिया वैक्सीन लगभग 26 देशों को पैसों के बदले यानी व्यावसायिक खरीद के तौर पर उपलब्ध कराए। कुल वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम में 50 फीसद से ज्यादा हिस्सा इसoc बिक्री की है।

भारत के सबसे बड़े बैंकों में बांग्लादेश और मोरक्को हैं जो 70-70 लाख टीके खरीदे हैं। ऐसे 7 देश हैं जो 10 लाख या उससे अधिक मात्रा में टीके भारत से खरीदे हैं। इस फेहरिस्त में नेपाल (10L), म्यांमार (20L) जैसे पड़ोसी मुल्क भी शामिल हैं।

जिम ने 40 लाख तो दक्षिण अफ्रीका ने 10 लाख टीके भारत से खरीदे। ध्यान रहे की जीन दुनिया के सबसे को विभाजित शिशु मुल्कों में से एक है और उसके राष्ट्रपति जेर बोलसेनारो ने बाकायदा खत लिखकर भारत से टीके मुहैया कराने का अनुरोध किया था। साथ ही टीके मिल जाने पर सार्वजनिक तौर पर शुक्रिया भी अदा किया गया था।

भारत के बड़े उद्योगों में यूके भी है जिसने 50 लाख टीके खरीदे हैं। हालांकि यूके का मामला विशेष है क्योंकि वह कोविशील्ड वैक्सीन उत्पादन में हिस्सेदार भी है। ध्यान रहे कि कोविशील्डेक यूके के सरकारी निवेश से संचित ऑक्सफोर्ड रिसर्च और एस्ट्राजेंका और सीरम इंस्टीट्यूट का संयुक्त प्रयास है। इसमें भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट इस टीके की दुनिया में सबसे बड़ी उत्पादक है।

भारत का कोविक्स योगदान

भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन, वैक्सीन अलायंस गावी आदि की भागीदारी में चल रही कोविक्स कार्यक्रम में भी वैक्सीन मैत्री के तहत 1.98 करोड़ टीके दिए। कोविक्स के माध्यम से दुनिया के कमजोर आय वाले लगभग 60 मुल्कों को यूएन टीके मुहैया और है।

भारत ने जून 2020 में यूके की अगुवाई में हुई ग्लोबल वैक्सीन समिट में कोवैक्स कार्यक्रम के लिए वर्ष 2020-25 के दौरान वैश्विक वैक्सीन अलायंस के लिए 15 मिलियन डॉलर के अंशदान का आंतरिक संकल्पभी जिक्र किया था।

https://www.gavi.org/investing-gavi/funding/donor-profiles/india

कोविक्स ने भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के साथ सितंबर 2020 में समझौता किया था जिसके तहत भारतीय कंपनी में आंतरिक निवेश भी किया गया था।
https://www.gavi.org/news/media-room/new-coll विस्तार-makes-further-100-million-doses-covid-19-vaccine-available-low

भारत से कोविक्स कार्यक्रम के लिए जिन देशों को एक लाख से ज्यादा वैक्सीन दिए उनकी संख्या 31 है। इनकी प्राथमिकताओं का निर्धारण यूएन की संस्थाएं करती हैं।

इस फेरहिस्त में ज्यादातर देश अफ्रीका महाद्वीप के बेहद कमजोर मुल्क हैं। जिन देशों को 5 लाख से ज्यादा मेड इन इंडिया वैक्सीन उपलब्ध कराए गए हैं उनमें से हैं-

घाना (6L)

आयवरी कोस्ट (5L)

डेमोक्रेटिक रिपब्लिक कंगो (17L)

अंगोला (6.24L)

नाइजीरिया (39.24L)

कीनिया (10.20L)

सूडान (8.28L)

यूगांडा (8.64),

इथियोपिया (21.84L)

उज्बेकिस्तान (6.6L)

भारत से मार्च 2021 के अंत में एक्स रोक और सीरम इंस्टीट्यूट के उत्पादन संकट के कारण यूएन संचालित कोवैक्स कार्यक्रम काफी प्रभावित हुआ।

https://www.gavi.org/news/media-room/covax-updates-participants-delivery-delays-vaccines-serum-institute-india-sii-az

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